Site icon 24 News Update

घास काटने की मशीन से कटा हाथ, जयपुर SMS हॉस्पिटल में जुड़ा वापस: 6 घंटे की सर्जरी से डॉक्टरों ने दिया नया जीवन, 4-6 महीने में शुरू होगा मूवमेंट

Advertisements

24 News Update जयपुर | राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बार फिर जीवनरक्षक चिकित्सा का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया है। अलवर जिले के रहने वाले 6 वर्षीय जसप्रीत सिंह का हाथ घास काटने की मशीन में आकर पूरी तरह कट गया था, जिसे 6 घंटे की जटिल सर्जरी के बाद सफलतापूर्वक जोड़ दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि यदि आगे की रिकवरी ठीक रही तो 4 से 6 महीने में हाथ में मूवमेंट भी शुरू हो सकता है।

हादसा अलवर में हुआ, जयपुर रेफर किया गया
यह हादसा 20 जुलाई को हुआ, जब जसप्रीत खेलते समय घास काटने की चलती मशीन की चपेट में आ गया और उसकी हथेली कटकर अलग हो गई। परिजन तत्परता दिखाते हुए कटी हुई हथेली को सुरक्षित रखकर पहले नजदीकी प्राइवेट अस्पताल पहुंचे, जहां से उसे जयपुर के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।

रात 9 बजे पहुंचते ही शुरू हुआ ऑपरेशन
बच्चे को जब रात करीब 9 बजे ट्रॉमा सेंटर लाया गया, तब एसएमएस के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. प्रदीप गुप्ता के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने तत्काल ऑपरेशन का निर्णय लिया। इस जटिल सर्जरी में उनके साथ सहायक आचार्य डॉ. आकांक्षा वशिष्ठ, सीनियर रेजिडेंट्स हर्षा रेड्डी, साक्षी कश्यप, समृद्धि गुप्ता, दिलप्रीत कौर, शुभम रानी, अनामिका व रूपल, और एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. वंदना मंगल की टीम शामिल रही।

हथेली रही सामान्य, नहीं हुआ संक्रमण
सर्जरी के 12 दिन बाद तक जुड़ा हुआ हाथ सामान्य स्थिति में है, जो चिकित्सा दृष्टि से बेहद सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। डॉ. आकांक्षा वशिष्ठ ने बताया कि यदि जोड़ में कोई संक्रमण या असफलता होती, तो हाथ का रंग काला या नीला पड़ने लगता, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि हादसे के बाद कटी हुई हथेली को जिस तरह बर्फ वाले कंटेनर में सुरक्षित रखा गया, उसने बहुत मदद की। क्योंकि यदि अंग को 6 घंटे के भीतर सुरक्षित रखा जाए और सर्जरी कर दी जाए, तो उसे सफलतापूर्वक जोड़ा जा सकता है।

आगे भी जारी रहेगी चिकित्सकीय प्रक्रिया
डॉक्टरों के अनुसार, सर्जरी का पहला चरण पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी भविष्य में फिजियोथैरेपी व न्यूरोलॉजिकल मॉनिटरिंग जैसे कई चरण बाकी हैं। इस प्रक्रिया में अन्य विभागों की टीम भी शामिल होगी। यदि आगे की रिकवरी अच्छी रही, तो बच्चा अगले 4 से 6 महीनों में अपने हाथ को मूव कर पाएगा। इस सफल सर्जरी ने न केवल एक मासूम के जीवन को नया मौका दिया, बल्कि यह भी दर्शाया कि चिकित्सा, टीमवर्क और सही समय पर निर्णय मिलकर कैसे असंभव को संभव बना सकते हैं। साथ ही यह घटना यह भी सिखाती है कि हादसे की स्थिति में घबराने के बजाय, घायल अंग को सही तरीके से संरक्षित कर तत्काल उचित इलाज लेना कितना जरूरी होता है।

Exit mobile version