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हल्दीघाटी विजय सार्द्ध चतु: शती समारोह 18 से, मेवाड़ के शौर्य का होगा गौरवगान

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24 News Update उदयपुर. प्रताप गौरव केन्द्र, राष्ट्रीय तीर्थ, उदयपुर, मेवाड़ की गौरवशाली परंपरा और वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के ऐतिहासिक हल्दीघाटी युद्ध (1576) की 450वीं जयंती के उपलक्ष्य में “हल्दीघाटी विजय सार्द्ध चतु: शती समारोह” का आयोजन कर रहा है। यह वर्षभर चलने वाला समारोह 18 जून 2025 को राष्ट्र चेतना यज्ञ के साथ शुरू होगा, जिसमें देशभर में राष्ट्रप्रेम और मेवाड़ के शौर्य को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया जाएगा।
18 जून को शुभारंभ: हल्दीघाटी में राष्ट्र चेतना यज्ञ, सभा और महाप्रसादी के साथ समारोह की शुरुआत।
हल्दीघाटी विजय संदेश यात्रा: हल्दीघाटी से उदयपुर तक यात्रा, जिसमें पवित्र माटी और विजय ध्वज को प्रताप गौरव केन्द्र में स्थापित किया जाएगा।
कार्यशालाएं (18-25 जून): चित्रकला कार्यशाला: पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के सहयोग से 25 चित्रकार मेवाड़ी चित्रशैली में महाराणा प्रताप के जीवन और युद्ध दृश्यों को चित्रित करेंगे।
प्राच्य लिपि कार्यशाला: भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) के सहयोग से प्राचीन लिपियों का प्रशिक्षण।
रियायती शुल्क: 18-25 जून तक प्रताप गौरव केन्द्र में प्रवेश शुल्क और वाटर लेजर शो (मेवाड़ की शौर्यगाथा) का शुल्क मात्र 50 रुपये।
वर्षभर के आयोजन: देश के हर राज्य और राजस्थान के प्रत्येक जिले में संगोष्ठियां, विद्यालयों-महाविद्यालयों में चित्रकला, रंगोली, भाषण और आशुभाषण प्रतियोगिताएं।
दिवेर विजय महोत्सव: समारोह का हिस्सा, भव्य समापन 18 जून 2026 को। प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने कहा, “यह समारोह महाराणा प्रताप की वीरता और मेवाड़ के गौरव को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक अनूठा प्रयास है।” प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा, अध्यक्ष, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति, ने इसे स्वतंत्रता और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक बताया।

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