24 News Update जयपुर। पंजाब के राज्यपाल गुलाबचन्द कटारिया ने रविवार को भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (बी.एम.वी.एस.एस.) का दौरा किया और वहां विश्व प्रसिद्ध जयपुर फुट की निर्माण विधि का अवलोकन किया। इस दौरान उन्हें जयपुर फुट की उपयोगिता और निर्माण प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। राज्यपाल का स्वागत समिति के संस्थापक और मुख्य संरक्षक डी.आर. मेहता, कार्यकारी अध्यक्ष एस.एस. भण्डारी, सचिव भूपेन्द्र राज मेहता, तकनीकी सचिव डॉ. दीपेन्द्र मेहता और कोषाध्यक्ष विमल चौपड़ा ने किया। राज्यपाल कटारिया ने दिव्यांगों को संबोधित करते हुए कहा कि बी.एम.वी.एस.एस. आज विकलांगों के पुनर्वास के क्षेत्र में विश्व में सबसे बड़ी संस्था बन चुकी है। उन्होंने कहा कि यह संस्था, जो अपना स्वर्ण जयंती मना रही है, ने डी.आर. मेहता के नेतृत्व में एक ऐसी कार्ययोजना बनाई है, जिसने सेवा भाव के कारण वैश्विक स्तर पर ख्याति प्राप्त की है। राज्यपाल ने डी.आर. मेहता को मसीहा बताते हुए कहा कि जब से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, तब से वह उन्हें दिव्यांगों के लिए भगवान के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि डी.आर. मेहता ने जयपुर फुट से न केवल भारत के दिव्यांगों को चलने-फिरने के योग्य बनाया, बल्कि 44 देशों के 44 हजार दिव्यांगों को भी इस फुट के माध्यम से चलने-फिरने की क्षमता प्रदान की है। राज्यपाल कटारिया ने आगे कहा कि अब तक सवा दो लाख से अधिक दिव्यांगों की सेवा जयपुर फुट के माध्यम से बी.एम.वी.एस.एस. कर चुका है, और यह संस्था कृत्रिम पैर, हाथ और अन्य उपकरण निःशुल्क प्रदान कर रही है, जिसका कोई अन्य उदाहरण विश्व में नहीं है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि वह पंजाब सरकार के सहयोग से राज्य में जयपुर फुट के एक स्थायी केंद्र की स्थापना के लिए प्रयास करेंगे। इसके लिए उन्होंने डी.आर. मेहता और एस.एस. भण्डारी को पंजाब सरकार से बातचीत कर वहां एक स्थायी केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। इस दौरान, एस.एस. भण्डारी ने राज्यपाल को चांदी की नांदी और धार्मिक पुस्तक भेंट की।
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