– विट्टी इंटरनेशनल स्कूल उदयपुर में तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव का रंगारंग समापन
24 News Update उदयपुर, 24 दिसम्बर सुखेर स्थित विट्टी इंटरनेशनल स्कूल उदयपुर में वार्षिकोत्सव का समापन बुधवार को कक्षा छठी से लेकर नवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों द्वारा प्रतिभा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक मूल्यों के सुंदर प्रदर्शन के साथ किया गया। 17वॉं वार्षिक दिवस समारोह गोल्डन इंडिया को एक भव्य श्रद्धांजलि के रूप में सामने आया – एक ऐसी भूमि जहाँ एक शानदार अतीत एक दूरदर्शी भविष्य के साथ संवाद करता है। इस भव्य शाम की शुरुआत अभिभावकों के स्वागत के साथ हुई। जिसके बाद दीप प्रज्ज्वलन किया गया, जो अज्ञान पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। णमोकार मंत्र की ध्वनि ने समारोह को एक आध्यात्मिक पवित्रता प्रदान की, जिससे एक चिंतनशील स्वर स्थापित हुआ।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि निवृत्ति कुमारी मेवाड़, जी.एस.जी. के दूरदर्शी अध्यक्ष और सह-संस्थापक प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित अतुल तेमुर्निकर, डिप्टी कंट्री हेड देवीदत्त कुणांगो, हिनिका बडोला (विद्यालय की पूर्व विद्यार्थी) विद्यालय की संस्थापिका प्रीति सोगानी, प्रधानाचार्य बिजो कुरियन, एच. एम. अर्चना पुंडीर, विट्टी वर्ल्ड की सेंटर हेड मेगा पारिख की उपस्थिति ने समारोह को और भी गरिमा और प्रतिष्ठा प्रदान की। समारोह ने विट्टी बैंड और कोयर के आकर्षक प्रदर्शन के साथ गति पकड़ी, जिसने एकता, आशावाद और उत्साह को प्रतिध्वनित किया। कार्यक्रम के अंतर्गत गरिमापूर्ण सम्मान समारोह ने शैक्षणिक, खेल और विविध क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए उनके परिश्रम और उत्कृष्टता की प्रशंसा की। विट्टी न्यूज़ ने रचनात्मकता को बढ़ावा दिया, जबकि सम्मानित पूर्व छात्रों का सम्मान विरासत, गर्व और प्रेरणा के बंधनों को पुनर्जीवित करता रहा। हिंदी नाटक, “रंग संस्कृति के, पंख विकास के” ने परंपरा से जुडक़र प्रगति की ओर बढ़ते हुए भारत की आत्मा को कलात्मक रूप से प्रस्तुत किया साथ ही व्हील ऑफ टाइम, एम्पावरिंग इंडिया थ्रू एजुकेशन, इंडियास आर्किटेक्चरल सागा और एक उत्साही सैल्यूट टू द ओलंपिक स्पिरिट जैसे खंडों ने और भी समृद्ध किया। भारत के परिवर्तन, जीवन की जीवंतता, और ऑपरेशन सिंदूर के प्रदर्शन ने हर दिल पर एक अविस्मरणीय प्रभाव छोड़ा। विद्यालय के प्रधानाचार्य बिजो कुरियन ने अपने आशीर्वचनों में कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है। यह जीवन के हर पहलू में सीखने और विकसित होने की एक निरंतर प्रक्रिया है। आप सभी को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी और अपने सपनों को साकार करना होगा। समारोह का समापन एक भव्य समापन के साथ हुआ, जो एकता और सामंजस्य का एक उदाहरण थी जो कार्यक्रम की थीम “गोल्डन इंडिया- विरासत और विकास” विषय के सच्चे सार को दर्शाती थी। शाम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें राष्ट्रीय गीत के साथ भारत की अविचल भावना, एकता और गौरव को एक स्थायी श्रद्धांजलि दी गई।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.