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2500 रुपए रिश्वत लेते पकड़ी गई महिला संविदाकर्मी, ACB चित्तौड़गढ़ की कार्रवाई, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली योजनाओं में भ्रष्टाचार

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24 News Update चित्तौड़गढ़. राजस्थान में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं में भी अब भ्रष्टाचार की दीमक लगने लगी है। चित्तौड़गढ़ जिले के डूंगला ब्लॉक में मंगलवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने राजीविका विभाग की एक महिला संविदाकर्मी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। महिला कर्मचारी पर आरोप है कि उसने “लखपति दीदी योजना” और “पशु सखी योजना” में लाभार्थी को बनाए रखने के बदले 2500 रुपए रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद ACB ने जाल बिछाया और कार्रवाई को अंजाम दिया।

एसीबी के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि गिरफ्तार की गई महिला कर्मचारी का नाम ममता माली है, जो कि डूंगला के राजीविका विभाग में ब्लॉक परियोजना प्रबंधक (बीपीएम) के पद पर संविदा कर्मी के रूप में कार्यरत है।

एसीबी को शिकायत मिली थी कि ममता माली एक महिला लाभार्थी (परिवादिया) से “लखपति दीदी योजना” और “पशु सखी योजना” में लगातार बनाए रखने और नाम नहीं हटाने के बदले में 2500 रुपए रिश्वत की मांग कर रही है। महिला ने इस बारे में एसीबी को शिकायत दी थी।

शिकायत मिलने के बाद एसीबी रेंज उदयपुर के उप महानिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल के सुपरविजन और चित्तौड़गढ़ एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह के नेतृत्व में टीम बनाई गई। योजना के तहत ट्रैप कार्रवाई की गई।

जैसे ही ममता माली ने परिवादिया से 2500 रुपए की रिश्वत ली, एसीबी की टीम ने उसे डूंगला स्थित राजीविका कार्यालय में रंगे हाथों पकड़ लिया।

गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम मौके पर ही अन्य कागजी कार्रवाई और जांच में जुटी हुई है। टीम अभी भी डूंगला में मौजूद है और आगे की पूछताछ व सबूत जुटाने का कार्य जारी है। इस दौरान आरोपी महिला से पूछताछ भी की जा रही है। एसीबी ने आमजन से भी अपील की गई है कि अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी उनसे रिश्वत मांगता है तो तुरंत इसकी शिकायत एसीबी को करें।

क्या है लखपति दीदी योजना और पशु सखी योजना?

ये दोनों योजनाएं महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए चल रही हैं। लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। वहीं पशु सखी योजना में महिलाओं को पशुपालन और पशुओं की देखभाल के लिए तैयार किया जाता है, जिससे वे गांवों में पशुओं की सेवा करके आय अर्जित कर सकें।

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