कमिश्नर अशोक शर्मा की भूमिका संदिग्ध, दौसा स्थित आवास पर छापेमारी
24 News Update भरतपुर. एसीबी एएसपी अमित सिंह के नेतृत्व में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गुरुवार को धौलपुर नगर परिषद में बड़ी कार्रवाई की। टीम ने 3 लाख 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एईएन प्रिया झा, क्लर्क नीरज, ड्राइवर देवेंद्र, कैशियर भरत और संविदाकर्मी हरेंद्र को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस मामले में नगर परिषद कमिश्नर अशोक शर्मा की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष एक ठेकेदार ने अपनी पत्नी के नाम से नगर परिषद में ठेका लिया था, जिसका 13 लाख रुपए का भुगतान बकाया था। इस बकाया राशि को जारी करने के एवज में कमिश्नर अशोक शर्मा ने 2 लाख, एईएन प्रिया झा ने 70 हजार (जिसे बाद में 60 हजार में तय किया गया) और कैशियर भरत ने 50 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। ठेकेदार की शिकायत पर एसीबी ने योजना बनाकर कार्रवाई का निर्णय लिया।
गुरुवार को एसीबी टीम ने ठेकेदार को रंगे हुए नोट देकर नगर परिषद भेजा। योजना के तहत कमिश्नर के लिए रिश्वत की रकम क्लर्क नीरज और ड्राइवर देवेंद्र को दिलवाई गई। प्रिया झा की ओर से रिश्वत की राशि संविदाकर्मी हरेंद्र ने ली, जबकि कैशियर भरत ने रकम खुद स्वीकार की। तय इशारा मिलते ही एसीबी टीम ने मौके पर सभी को गिरफ्तार कर लिया।
एएसपी अमित सिंह ने बताया कि रिश्वत की रकम लेने के बाद क्लर्क नीरज और ड्राइवर देवेंद्र गाड़ी लेकर फ्लाईओवर की ओर भागने लगे, लेकिन टीम ने उनका पीछा कर उन्हें धर दबोचा। पूछताछ में सामने आया कि यह रकम कमिश्नर अशोक शर्मा के लिए ली गई थी। इस खुलासे के बाद कमिश्नर की भूमिका पर भी संदेह गहराया है।
इसके बाद एसीबी की एक अन्य टीम ने दौसा की प्रताप कॉलोनी स्थित कमिश्नर अशोक शर्मा के आवास पर छापेमारी शुरू की। टीम वहां से दस्तावेज़ और अन्य सबूत खंगाल रही है। अधिकारियों के अनुसार मामले में आगे की कार्रवाई जारी है और सभी गिरफ्तार अधिकारियों व कर्मचारियों से गहन पूछताछ की जा रही है।

