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खाओ खिलाओ वन्यजीव अभ्यारण्य : कोटा ACB का एक्शन: 78,000 नकद और 1.20 लाख रुपये के चेक के साथ रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ

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24 News update चित्तौड़गढ़ | कोटा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई में बोराव रेंज के रेंजर राजेंद्र चौधरी और लोटयाना नाका के सहायक वनपाल राजेंद्र मीणा को 78,000 रुपये नकद और 1.20 लाख रुपये के चेक के साथ रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। यह मामला एक बार फिर वन विभाग में पनप रहे भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करता है।

वन विभाग में भ्रष्टाचार का जाल

पिछले कुछ समय से वन विभाग में भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ठेकेदारों से रिश्वत लेकर बिल पास कराना, निविदाओं में हेराफेरी करना और सरकारी धन की हेराफेरी जैसे मामले अब आम हो चुके हैं। इस घटना में भी रेंजर और सहायक वनपाल ने ठेकेदार से निविदा राशि का 20% (खुद के लिए) और 2% (सहायक वनपाल के लिए) मांगकर भ्रष्टाचार की एक नई परत को उजागर किया है।

कैसे चलता है यह सिस्टम?

इस मामले में भी सहायक वनपाल ने सत्यापन प्रक्रिया के दौरान ही 50,000 रुपये की रिश्वत ले ली थी, जो दर्शाता है कि भ्रष्टाचार की यह प्रक्रिया कितनी सुनियोजित है।

ACB की कार्रवाई और आगे की जांच

कोटा ACB के एएसपी मुकुल शर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई एक गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी। अब तक की जांच से पता चला है कि यह कोई अकेला मामला नहीं है, बल्कि वन विभाग में भ्रष्टाचार का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। ACB इस मामले में गहन जांच कर रही है और संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी नाम सामने आ सकते हैं।

निष्कर्ष

यह घटना वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीरता को दर्शाती है। अधिकारियों द्वारा सरकारी योजनाओं और निविदाओं का गलत तरीके से उपयोग करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने की जरूरत है। ACB की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश देती है, लेकिन सवाल यह है कि क्या वन विभाग इससे सबक लेगा या भ्रष्टाचार की यह जड़ें और गहरी होती रहेंगी?

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