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नवीन तकनीकों को अपनाकर किसान बढ़ाएं अपनी आमदनी – डॉ. कर्नाटक

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24 News Update उदयपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र उदयपुर (द्वितीय) वल्लभनगर की 8वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक शुक्रवार, 29 अगस्त को सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने की। बैठक का शुभारंभ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनीराम ने सभी अतिथियों के स्वागत के साथ किया।
किसानों की आमदनी बढ़ाने पर बल
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. कर्नाटक ने कहा कि किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए नवीन तकनीकों और नवाचारों को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि इन नवाचारों के माध्यम से किसान अपने परिवार की शिक्षा, चिकित्सा और सामाजिक आवश्यकताओं के खर्च खेती से पूरी कर सकते हैं और एक सुखी एवं सामान्य जीवन जीते हुए देश के विकास में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने संदेश दिया – “अन्नदाता सुखी भवः”।
प्रशिक्षण कैलेंडर जारी करने का सुझाव
मुख्य अतिथि प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर. एल. सोनी ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित प्रशिक्षणों का एक वार्षिक ट्रेनिंग कैलेंडर तैयार कर सभी विभागों एवं संस्थानों को वितरित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक किसान प्रशिक्षण का लाभ ले सकें।
मशरूम उत्पादन पर विशेष सत्र
विश्वविद्यालय के मशरूम विशेषज्ञ डॉ. एन. एल. मीणा ने बताया कि मशरूम उत्पादन के लिए जमीन की आवश्यकता नहीं होती। किसान भाई 10×10 फीट के कमरे में भी मशरूम उगाकर आमदनी बढ़ा सकते हैं। उन्होंने उत्पादन तकनीक से लेकर विपणन तक की जानकारी दी।
प्रगति समीक्षा और योजनाएं
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. मनीराम चौधरी ने वर्ष 2024-25 की योजनाओं और पिछले वर्ष की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसकी बैठक में समीक्षा की गई। बैठक में डिप्टी डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर डॉ. कैलाश शर्मा, डिप्टी डायरेक्टर एनिमल हसबेंडरी डॉ. हितेश मीणा, वेटरनरी कॉलेज की सहायक प्रोफेसर डॉ. मोनिका जोशी, राजस्थान राज्य बीज निगम से प्रमोद कुमार, सेवा मंदिर से नरेंद्र जैन, दूदाराम मेघवाल और रतनलाल जाट सहित कई विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में केन्द्र से श्री मोहनलाल खटीक और कम्प्यूटर प्रोग्रामर अभिलाषा पोखरना भी शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में श्री हितेश कुमार कोली ने आभार व्यक्त किया।यह जानकारी प्रभारी मीडिया डॉ जी एल मीना ने दी।

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