24 News Update उदयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा निगम, बोर्ड और विश्वविद्यालयों में नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू करने तथा पदोन्नति विसंगतियों को दूर नहीं करने के विरोध में बुधवार को अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने उदयपुर में जिला स्तरीय चेतावनी धरना दिया। इस अवसर पर कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा तथा स्वायत्त संस्थाओं में जारी एनपीएस पेंशन आदेश की प्रतीकात्मक होली जलाकर विरोध जताया।
धरना कार्यक्रम का नेतृत्व संयुक्त महासंघ के जिलाध्यक्ष हेमंत कुमार पालीवाल ने किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार अधीनस्थ सेवाओं के पदोन्नति पदों के पुनर्गठन को लेकर सौतेला व्यवहार कर रही है। अधीनस्थ सेवाओं में मात्र 12 से 14 प्रतिशत पदोन्नति के पद हैं, जिसके कारण कई कर्मचारियों को पूरे सेवाकाल में एक भी पदोन्नति नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि कई विभागों में वर्षों से पदोन्नतियाँ लंबित हैं, फिर भी सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
पालीवाल ने बताया कि महासंघ का मांग पत्र पिछले दो वर्षों से सरकार के पास लंबित है, लेकिन संवादहीनता के कारण कर्मचारियों में गहरी निराशा और आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र समाधान नहीं किया तो पदोन्नति विसंगति, वेतन विसंगति, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण, एएमएस से उपस्थिति प्रणाली और आरजीएचएस योजना में कटौती के खिलाफ व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
संयुक्त महासंघ के जिला महामंत्री लच्छीराम गुर्जर ने कहा कि प्रदेश के आठ लाख से अधिक कर्मचारियों और लाखों संविदा कार्मिकों की प्रशासनिक एवं वित्तीय मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि 5 जनवरी 2025 को प्रस्तुत महासंघ का मांग पत्र अब तक शासन में लंबित है। गुर्जर ने कहा कि सरकार की उदासीनता के विरोध में संयुक्त महासंघ 30 अक्टूबर से प्रदेशव्यापी संघर्ष चेतना यात्रा प्रारंभ करने जा रहा है।
आईटी प्रभारी जसवंत सिंह चौहान ने बताया कि राज्य सरकार ने 9 अक्टूबर 2025 को आदेश जारी कर निगम, बोर्ड, स्वायत्त संस्थाओं और विश्वविद्यालयों में कार्यरत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जीपीएफ लिंक पेंशन स्कीम के तहत जमा राशि लौटाने का निर्देश दिया है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से कर्मचारियों में तीव्र आक्रोश फैल गया है, और इसी के विरोधस्वरूप आज एनपीएस आदेश की होली जलाई गई।
धरने में बड़ी संख्या में कर्मचारी, संविदा कार्मिक एवं विभिन्न यूनियनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इनमें जिलाध्यक्ष हेमंत कुमार पालीवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष श्यामलाल आमेटा, जिला महामंत्री लच्छीराम गुर्जर, आईटी प्रभारी जसवंत सिंह चौहान, हेमंत मेनारिया, मनजीत सिंह यादव, कमलेश चौधरी, कैलाश कुंवर, कमलेश सेन, सुमन सिंह, मनीष चौबीसा, महेंद्र सालवी, राजेंद्र सालवी, विनोद शर्मा, प्रकाश पालीवाल, शंभूलाल, अशोक कुमार, शंकरलाल खटीक, अशोक पटेल, मेघराज पटेल, धुलीराम डांगी, विनोद छापरवाल, रमेश, योगेंद्र सिंह, मदनलाल सिंगाडिया, विमला नाई, मंजू जीनगर, आशा जाट, अंकित भड़िया, कुलदीप सिंह, नीरज कुमार, विपुल चौधरी, हरीश सुथार, हितेश कुमार, पर्वत सिंह, मनसाराम, कमल छाबड़ा, मयंक मेहता, पवन मेघवाल, विजय मेघवाल, दीपक गुंजेतिया, दिलीप जोशी, अजय सिंह राजपूत, संशात जैन सहित कई पदाधिकारी शामिल रहे।
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