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अपनों के टूटे सपने, 14 महीने पहले कांग्रेस से आए गांधी को भाजपा ने बनाया पालिकाध्यक्ष

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24 न्यूज अपडेट, डूंगरपुर। भाजपा में वागड़ में तो कुछ भी मुमकिन है अब लोग कहने लगे हैं। कभी कमल कांग्रेस के गठजोड़ की बातें होती हैं तो कभी पद पाने के लिए अपने किसी भी आदर्श को छोड़ने से गुरेज नहीं करने की। ताजा एग्जाम्पल सेट किया है भाजपा ने पालिकाध्यक्ष की सीट पर जहां पर केवल 14 महीने पहले ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए आशीष गांधी पालिकाध्यक्ष बना दिए गए। याने भाजपा है तो मुमकिन है का नया नारा चल पड़ा है। सागवाड़ा नगर पालिका में पिछले 21 दिनों से रिक्त अध्यक्ष पद पर गुरुवार देर शाम आशीष गांधी की नियुक्ति कर दी गई। स्वायत्त शासन विभाग ने उनके मनोनयन के आदेश जारी किए। आशीष गांधी वार्ड संख्या 21 से पार्षद हैं और 14 महीने पूर्व पांच अन्य पार्षदों के साथ कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे।
उनकी नियुक्ति की खबर मिलते ही भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने जमकर आतिशबाजी की और मिठाई बांटकर जश्न मनाया। भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक पटेल सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने गांधी को बधाई दी और पार्टी कार्यालय में उनका फूल-मालाओं से स्वागत किया गया।
गौरतलब है कि पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र खोड़निया और उपाध्यक्ष मोहम्मद इस्माइल घांची को 10 अप्रैल को पद के दुरुपयोग के आरोपों में निलंबित किया गया था। उन पर 2017 में बने नगरपालिका भवन को नियमों के विरुद्ध ध्वस्त करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप थे। उपाध्यक्ष इस्माइल पर एनएच 927 ए के किनारे नियमों के विरुद्ध पट्टा जारी कराने का भी आरोप था। डीडीआर उदयपुर की जांच के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने यह कार्रवाई की थी। पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र खोड़निया, कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले दिनेश खोड़निया के भाई हैं। उनकी बर्खास्तगी के बाद से ही अध्यक्ष पद रिक्त था। 28 फरवरी 2024 को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए आशीष गांधी और उनके पांच सहयोगी पार्षदों की वजह से नगर पालिका में कांग्रेस अपना बहुमत खो बैठी थी। 35 सदस्यीय सागवाड़ा नगर पालिका में बहुमत के लिए 18 पार्षदों की आवश्यकता होती है, जबकि कांग्रेस के पास अब केवल 17 पार्षद बचे हैं। सरकार द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को पद से हटाए जाने के बाद आशीष गांधी को नगर पालिका की कमान सौंप दी गई है, जिससे भाजपा को स्थानीय निकाय में एक महत्वपूर्ण बढ़त मिली है।

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