24 न्यूज अपडेट जोधपुर। राजस्थान सरकार ने जोधपुर के कांकाणी गांव में 1998 में हुए काले हिरण शिकार मामले में हाईकोर्ट में ‘लीव-टू-अपील’ दाखिल की है। इस अपील में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान शिकार के आरोपी सैफ अली खान, नीलम, तब्बू और सोनाली बेंद्रे को बरी करने के फैसले को चुनौती दी गई है। जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की अदालत ने इस अपील को स्वीकार कर मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को तय की है, जिसमें सभी संबंधित केसों पर एक साथ सुनवाई होगी।
मामले की पृष्ठभूमि
1 अक्टूबर 1998 को जोधपुर के कांकाणी गांव में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान दो काले हिरणों के शिकार का मामला सामने आया था। यह मामला तब चर्चा में आया जब फिल्म की शूटिंग के दौरान सलमान खान, सैफ अली खान, नीलम, तब्बू और सोनाली बेंद्रे पर स्थानीय विश्नोई समाज ने काले हिरण के शिकार का आरोप लगाया था। इसके बाद 2 अक्टूबर 1998 को इन सभी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
शिकार और गिरफ्तारियां
27-28 सितंबर 1998: घोड़ा फार्म हाउस और भवाद में दो चिंकारा के शिकार का मामला।
1 अक्टूबर 1998: कांकाणी गांव में दो काले हिरणों का शिकार।
3 अक्टूबर 1998: सलमान खान की गिरफ्तारी। पांच दिन बाद जमानत पर रिहाई।
आर्म्स एक्ट का मामला: सलमान के कमरे से पिस्तौल और राइफल बरामद हुई, जिनका लाइसेंस समाप्त हो चुका था। इस मामले मे भी केस दर्ज हुआ।
अदालती कार्यवाही और फैसले
17 फरवरी 2006: भवाद गांव केस में सलमान को एक साल की सजा। बाद में हाईकोर्ट ने बरी किया, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
10 अप्रैल 2006: सीजेएम कोर्ट ने सलमान को 5 साल और 25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। 25 जुलाई 2016 को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
18 जनवरी 2017: आर्म्स एक्ट केस में सलमान को बरी किया गया, राज्य सरकार ने फिर से हाईकोर्ट में अपील की।
5 अप्रैल 2018: ट्रायल कोर्ट ने काला हिरण शिकार मामले में सलमान को 5 साल की सजा सुनाई। फिलहाल वे जमानत पर हैं।
मौजूदा स्थिति
फिलहाल, सलमान खान जमानत पर हैं और उन्होंने ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। राज्य सरकार ने इस मामले में सैफ अली खान, नीलम, तब्बू और सोनाली बेंद्रे को बरी करने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है। अगर यह अपील स्वीकार होती है, तो इन सभी के खिलाफ फिर से सुनवाई होगी।
क्या है विश्नोई समाज की मांग?
विश्नोई समाज, जो काले हिरण को संरक्षित मानता है, इस मामले में लगातार न्याय की मांग कर रहा है। वे मानते हैं कि इन अभिनेताओं को कानून से मिली राहत उचित नहीं है और वे हर कानूनी मंच पर इस फैसले को चुनौती देने के लिए तैयार हैं।
अगले कदम
अगर राज्य सरकार की यह अपील सफल होती है, तो 28 जुलाई से सभी अभियुक्तों पर एक बार फिर से कड़ी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा, जिससे उनके फिल्मी करियर और प्रतिष्ठा पर गंभीर असर पड़ सकता है।

