Site icon 24 News Update

कोरोना के मामलों में फिर तेजी: अब तक 12 मौतें, 1083 एक्टिव केस; यूपी में पहली मौत, PM के बिहार दौरे को लेकर सतर्कता बढ़ी

Advertisements

24 News Update नई दिल्ली | देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, देशभर में कोविड-19 के एक्टिव केसों की संख्या 1083 पहुंच गई है। बीते एक सप्ताह में 850 नए मामले सामने आए हैं। अकेले केरल में 430 सक्रिय मरीज हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं।

मंगलवार को कहां-कहां कितने नए केस मिले: कर्नाटक: 36, गुजरात: 17, बिहार: 5, हरियाणा: 3
गुजरात में 13 मरीजों ने संक्रमण से रिकवरी भी की है। दूसरी ओर, उत्तर-पूर्व भारत में भी संक्रमण की दस्तक देखी गई है। अरुणाचल प्रदेश में दो महिलाएं पॉजिटिव मिलीं, जिनमें से एक को बुखार और खांसी जैसे लक्षण हैं जबकि दूसरी में कोई लक्षण नहीं है।

उत्तर प्रदेश में कोविड से पहली मौत:
फिरोजाबाद जिले में मंगलवार को 78 वर्षीय बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि वह कोरोना संक्रमित थे। यह यूपी में कोविड के नए वैरिएंट से पहली मौत है।

कुल मौतें 12, इनमें महाराष्ट्र, राजस्थान और केरल में भी जानें गईं:
अब तक देश में कोरोना से 12 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 2 मौतें केरल और 2 राजस्थान में दर्ज हुई हैं। जयपुर में 26 मई को दो मरीजों की मौत हुई—एक युवक की निजी अस्पताल में मौत हुई जबकि दूसरा रेलवे स्टेशन पर मृत मिला, जिसकी रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव आई।
महाराष्ट्र के ठाणे में एक महिला और एक 21 वर्षीय युवक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। कर्नाटक के बेंगलुरु में 84 वर्षीय बुजुर्ग की 17 मई को मल्टी ऑर्गन फेल्योर से मौत हुई, जिसकी 24 मई को कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी।

PM मोदी के बिहार दौरे को लेकर सख्ती:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29-30 मई को बिहार दौरे पर रहेंगे। इसे देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। आदेश दिया गया है कि प्रधानमंत्री के 100 मीटर के दायरे में आने वाले सभी लोगों की कोरोना जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी।

देश में मिले कोरोना के चार नए वैरिएंट
ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से लिए गए सैंपलों की सीक्वेंसिंग में कोविड के चार नए वैरिएंट—LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 की पहचान हुई है। इन वैरिएंट को फिलहाल गंभीर श्रेणी में नहीं रखा गया है, लेकिन निगरानी जरूरी मानी जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन वैरिएंट को “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” माना है, यानी ये वर्तमान में खतरे की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन इन पर नजर रखना आवश्यक है। चीन सहित कई एशियाई देशों में कोरोना मामलों की बढ़त के पीछे यही वैरिएंट जिम्मेदार माने जा रहे हैं।

NB.1.8.1 क्यों चिंताजनक?
इस वैरिएंट में A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन पाए गए हैं, जो इसे तेजी से फैलने और वैक्सीन के बाद बनी इम्यूनिटी से बच निकलने में सक्षम बनाते हैं।

JN.1 वैरिएंट: भारत में सबसे आम, लेकिन गंभीर नहीं
भारत में फिलहाल JN.1 सबसे प्रमुख वैरिएंट है, जो सभी सैंपलों में आधे से अधिक मामलों में पाया गया है। इसके बाद BA.2 (26%) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20%) का स्थान है।

JN.1 की विशेषता:
यह ओमिक्रॉन के BA.2.86 स्ट्रेन का ही हिस्सा है और अगस्त 2023 में पहली बार सामने आया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें लगभग 30 म्यूटेशन पाए गए हैं जो इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, यह वैरिएंट अधिक संक्रामक है, लेकिन बहुत गंभीर नहीं है। इसके लक्षण कई दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो यह “लॉन्ग कोविड” का संकेत हो सकता है, जिसमें बीमारी के लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।

Exit mobile version