24 न्यूज अपडेट. जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित छह विधायकों के निलंबन के बाद तनाव चरम पर है। रविवार को तीसरे दिन भी विपक्षी विधायकों ने विधानसभा में धरना जारी रखा। मंत्रियों के साथ दो दौर की बातचीत निष्फल रही। कांग्रेस विधायक निलंबन रद्द करने, इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने और मंत्री अविनाश गहलोत से माफी की मांग पर अडिग हैं। संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, “हमने विपक्ष के साथियों से संपर्क साधा है। हम चाहते हैं कि सदन निर्बाध चले। कांग्रेस को अपनी जिद त्यागकर अपनी गलती माननी चाहिए।“ शनिवार को कांग्रेस ने प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों पर निलंबन के खिलाफ प्रदर्शन किए और पुतले फूंके। अब 24 फरवरी को विधानसभा घेराव का प्लान है, हालांकि इसकी औपचारिक पुष्टि नहीं हुई। भाजपा विधायक श्रीचंद कृपलानी और पुष्पेंद्र सिंह ने शनिवार को डोटासरा से बातचीत की कोशिश की थी।
विवाद की जड़ कहां से?
21 फरवरी को प्रश्नकाल में सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा, “2023-24 में आपकी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर योजना शुरू की थी।“ इस टिप्पणी पर कांग्रेस विधायकों ने वैल में हंगामा शुरू कर दिया। जोगाराम पटेल ने “दादी“ को सम्मानजनक बताया, मगर शोर बढ़ता गया। विधायक स्पीकर की टेबल तक पहुंचे, जिसके बाद कार्यवाही आधे घंटे के लिए रोकी गई। दिन में चार बार स्थगन हुआ। मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने निलंबन प्रस्ताव रखा। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन, हाकम अली और संजय कुमार को सत्र की बाकी अवधि के लिए निलंबित कर दिया।
गतिरोध कहां ठहरा?
हंगामे में डोटासरा और छह विधायक स्पीकर की टेबल तक पहुंचे और उग्र व्यवहार किया। स्पीकर ने इसे अपमान और अनुशासन तोड़ने की घटना बताया। सूत्रों के मुताबिक, स्पीकर डोटासरा से माफी चाहते हैं, जबकि कांग्रेस गहलोत से माफी की मांग पर कायम है। यही गतिरोध का कारण है।
मंत्रियों की पेशकशः शब्द हटाने को तैयार
जोगाराम पटेल ने कहा, “अगर कोई शब्द आपत्तिजनक है, तो उसे कार्यवाही से हटा देंगे, लेकिन सदन को रोकना ठीक नहीं।“ उनका मानना है कि गतिरोध जल्द खत्म होगा। 22 फरवरी की देर रात पटेल और गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कांग्रेस विधायकों से चर्चा की। नतीजा न निकलने पर पटेल बोले, “वे अभी पूरी तरह सहमत नहीं हैं, लेकिन हम बार-बार उनसे सच समझने और सहयोग की गुजारिश करेंगे। बातचीत सकारात्मक दिशा में है।“ बेढ़म ने कहा, “सदन का सौहार्दपूर्ण संचालन सरकार की जिम्मेदारी है।“
जूली का कटाक्ष
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने तंज कसा, “सदन चलाना सरकार का पहला कर्तव्य है। जब मंत्री ही विपक्ष सरीखा आचरण करेंगे, तो सदन कैसे चलेगा? 21 फरवरी को टिप्पणी हटा दी जाती, तो उसी दिन विवाद थम जाता।“
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