चित्तौड़गढ़. जिले के घोसुंडा कस्बे में मंगलवार को एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई। गांव की एक बुजुर्ग महिला के निधन के बाद जब परिवारजन तीसरे दिन मोक्षधाम पहुंचे तो वहां की स्थिति देखकर दंग रह गए—अस्थियां वहां से गायब थीं। बाद में पता चला कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने वे अस्थियां पास बह रही बेड़च नदी में विसर्जित कर दी थीं।
घटना की सूचना मिलते ही परिजनों ने चंदेरिया थाना पुलिस को शिकायत दी। मौके पर पहुंचे हेड कांस्टेबल शक्ति सिंह और घोसुंडा चौकी के कांस्टेबल प्रहलाद सिंह ने जांच शुरू की।
पुलिस के अनुसार, घोसुंडा निवासी 75 वर्षीय शांतिबाई पत्नी भगवानलाल भोई का रविवार को उदयपुर के एक अस्पताल में निधन हुआ था। उसी दिन उनका अंतिम संस्कार बेड़च नदी किनारे स्थित मोक्षधाम में किया गया। हिंदू रीति के अनुसार तीसरे दिन परिजन अस्थियां लेने पहुंचे, पर वहां राख और अस्थियों का कोई निशान नहीं था।
अचानक अस्थियां गायब होने की बात फैलते ही ग्रामीणों की भीड़ मोक्षधाम पहुंच गई। जांच के दौरान नदी किनारे राख के कुछ अंश मिले, जिससे अंदेशा हुआ कि किसी ने अस्थियों का पहले ही विसर्जन कर दिया।
शांतिबाई के बेटे भैरूलाल भोई ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। परिवार ने बताया कि उनका किसी से कोई विवाद या रंजिश नहीं है। पहले संदेह हुआ कि कहीं किसी ने तंत्र-मंत्र के लिए अस्थियां तो नहीं लीं, लेकिन नदी किनारे राख मिलने से स्थिति स्पष्ट हो गई।
ग्रामीणों का कहना है कि हाल में घोसुंडा बांध में पानी की अच्छी आवक के कारण बेड़च नदी में तेज बहाव है, जिससे अस्थियां बह भी सकती हैं। फिलहाल पुलिस का मानना है कि यह चोरी का नहीं, बल्कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा अस्थियों का विसर्जन करने का मामला है।
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