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विद्यापीठ में बी.एस. गर्ग व्याख्यानमाला: प्रजातंत्र में शिक्षक की भूमिका पर गहन विमर्श

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24 News Update उदयपुर। राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में सोमवार को कीर्तिशेष बी.एस. गर्ग की स्मृति में आयोजित चतुर्थ व्याख्यानमाला में शिक्षकों की लोकतांत्रिक व्यवस्था में बढ़ती जिम्मेदारी पर सार्थक चर्चा हुई। कार्यक्रम में शिक्षा-जगत, प्रशासन और सामाजिक जीवन से जुड़े अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

राजनीति सेवा का माध्यम बने: प्रो. वासुदेव देवनानी
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि देशहित की नीति ही वास्तविक राजनीति का आधार है और शिक्षकों ने स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने बताया कि शिक्षक वह शक्ति है, जो समाज में चरित्र निर्माण और सांस्कृतिक संरक्षण का कार्य करती है। देवनानी ने तकनीकी युग में शिक्षक की भूमिका को अद्यतन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उनके अनुसार राजनीतिक नेतृत्व को सही दिशा देने की क्षमता शिक्षकों में ही निहित है।

लोकतंत्र की मजबूती में शिक्षक अनिवार्य: प्रो. कैलाश सोडाणी
पूर्व कुलपति एवं राज्यपाल सलाहकार प्रो. कैलाश सोडाणी ने कहा कि लोकतंत्र को सुरक्षित और सशक्त बनाए रखने के लिए शिक्षकों का सक्रिय होना समय की मांग है।
उन्होंने नौकरशाही के राजनीतिक दायरे में बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि शिक्षक ही वह वर्ग है, जिसकी संवेदनशील सोच समाज में सकारात्मक सुधार ला सकती है।
प्रो. सोडाणी ने सतयुग से वर्तमान तक शिक्षक की भूमिका और उसके बदलते स्वरूप का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया।

शिक्षक लोकतांत्रिक मूल्यों का वाहक: प्रो. सारंगदेवोत
कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने विषय प्रवर्तन में कहा कि शिक्षा संस्थानों का दायित्व है कि वे ऐसा वातावरण तैयार करें, जो विद्यार्थियों में जिम्मेदार नागरिकता और लोकतांत्रिक संस्कारों को मजबूत करे।
उन्होंने कहा कि कक्षा-कक्ष केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन-मूल्यों, सामाजिक चेतना और राष्ट्रभावना का आधार स्थल है। शिक्षक इन्हीं मूल्यों के माध्यम से लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करते हैं।
लोकतंत्र की रक्षा में शिक्षक की भूमिका जरूरी: कुलाधिपति बी.एल. गुर्जर
कुलाधिपति बी.एल. गुर्जर ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि लोकतंत्र की निरंतरता बनाए रखने में शिक्षक समाज को संतुलन प्रदान करते हैं। उनका मार्गदर्शन ही विद्यार्थियों को भविष्य का जागरूक नागरिक बनाता है।

कार्यक्रम में गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में भाजपा शहर जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़, हरीश राजानी, प्रमोद सामर, प्रो. अनिल कोठारी, राजीव गर्ग, विजय आहुजा, रजिस्ट्रार डॉ. तरुण श्रीमाली, परीक्षा नियंत्रक डॉ. पारस जैन सहित शहर के अनेक शिक्षाविद, समाजसेवी और विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य उपस्थित थे।
संचालन डॉ. अर्पिता मठ्ठा ने किया और आभार प्रो. जी.एम. मेहता ने व्यक्त किया।

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