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दुल्हन की मौत पर फूटा गुस्सा: आक्रोश रैली निकाली, न्याय की मांग को लेकर एसडीएम कार्यालय तक पहुंचे ग्रामीण

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24 न्यूज अपडेट, डूंगरपुर। डूंगरपुर जिले के सरोदा थाना क्षेत्र के शिवराजपुर गांव में शादी से एक दिन पहले संदिग्ध हालात में युवती की मौत के विरोध में शनिवार को गांववासियों का गुस्सा फूट पड़ा। सैकड़ों ग्रामीणों ने सागवाड़ा अस्पताल की मोर्च्युरी से आक्रोश रैली निकाली और “नेहा को न्याय दो” की गूंज के साथ एसडीएम कार्यालय तक मार्च किया। महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने हाथों में तख्तियां लेकर दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
तहसीलदार गोगाराम मीणा और पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर परिजनों और ग्रामीणों को निष्पक्ष जांच और दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार करने का भरोसा दिलाया। प्रदर्शन शांतिपूर्वक समाप्त हुआ लेकिन गांव में अब भी आक्रोश और शोक का माहौल है।
बिंदौरी के अगले ही दिन कुएं में मिला शव, शादी के दिन उठी अर्थी
शिवराजपुर निवासी नारायणलाल प्रजापत की 21 वर्षीय बेटी नेहा प्रजापत की शादी 19 अप्रैल शनिवार को भीलुड़ा गांव से होने वाली थी। गुरुवार रात को बिंदौरी धूमधाम से निकाली गई थी। बैंड-बाजे की थाप और गीतों की गूंज के बीच नेहा ने घोड़ी पर सवार होकर गांव का फेरा लगाया था। पूरा गांव उत्सव में डूबा था।
लेकिन शुक्रवार दोपहर नेहा का शव घर से कुछ ही दूरी पर स्थित एक कुएं में पड़ा मिला। गांववालों ने जब शव देखा तो परिवार को सूचित किया। परिजन दौड़े-दौड़े मौके पर पहुंचे और नेहा को कुएं से निकाल सागवाड़ा अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
“नेहा आत्महत्या नहीं कर सकती”: परिजनों का आरोप हत्या का
पिता नारायणलाल ने पुलिस को दी शिकायत में स्पष्ट कहा कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती। उन्होंने इसे साजिशन हत्या बताया और आरोप लगाया कि नेहा को मारकर कुएं में फेंका गया है। उनका कहना है कि नेहा शादी को लेकर बेहद उत्साहित थी, फिर ऐसा कदम उठाने का सवाल ही नहीं उठता।
परिजनों ने पुलिस से मोबाइल कॉल डिटेल खंगालने और संदिग्ध लोगों से सख्त पूछताछ की मांग की है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के असल कारणों का पता चल सकेगा।
शादी की मिठाइयों से सजा घर अब मातम में डूबा
गांव में शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। मिठाइयां बन चुकी थीं, डेकोरेशन हो चुका था और बारात के स्वागत की तैयारियां अंतिम चरण में थीं। लेकिन इस खुशियों से भरे माहौल को मातम में तब्दील होने में कुछ ही घंटे लगे।
नेहा की मौत की खबर से न केवल परिवार, बल्कि पूरा गांव शोक में डूब गया है। हर आंख नम है, हर दिल में आक्रोश है, और हर जुबान पर एक ही सवाल— “नेहा के सपनों को किसने कुचला?”

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