24 news Update उदयपुर। जिला एटक कोषाध्यक्ष हिम्मत चांगवाल ने बताया कि आज एटक (आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस) का 105वां स्थापना दिवस जिला कमेटी द्वारा जल परियोजना कर्मचारी यूनियन कार्यालय, केवड़ा में समारोहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर जल परियोजना यूनियन केवड़ा, ग्रामीण जल परियोजना यूनियन जयसमंद और क्षेत्र के सभी पंपों के कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता मोहनलाल खराड़ी द्वारा एटक का झंडा रोहण कर की गई। इसके बाद समारोह का उद्घाटन हिम्मत चांगवाल ने किया, जबकि अध्यक्षता गेबिलाल डामोर, दिलीप कुमार, मोहनलाल खराड़ी और अमरचंद ने की। संचालन जल परियोजना यूनियन के अध्यक्ष कालूराम मीणा ने किया। बैठक से पहले राजस्थान के वरिष्ठ कम्युनिस्ट एवं ट्रेड यूनियन नेता कामरेड प्रेम सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया गया और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। अपने उद्बोधन में हिम्मत चांगवाल ने एटक की स्थापना और संघर्ष के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एटक की स्थापना 31 अक्टूबर 1920 को मुंबई में हुई थी, जिसमें देशभर की 64 यूनियनों के 101 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इसके संस्थापक अध्यक्ष लाला लाजपत राय और महासचिव दीवान चमनलाल थे। सम्मेलन में मोतीलाल नेहरू, एम.ए. जिन्ना, एनी बेसेंट, वी.जे. पटेल, बी.पी. वाडिया, और अन्य प्रमुख नेताओं ने भाग लिया था। आगे चलकर पंडित जवाहरलाल नेहरू, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, वी.वी. गिरि, सरोजिनी नायडू, सी.आर. दास जैसे कई राष्ट्रीय नेता एटक से जुड़े रहे। एटक आजादी से पहले देश का एकमात्र केंद्रीय ट्रेड यूनियन संगठन था, जबकि अन्य संगठनों जैसे इंटक, बीएमएस और सीटू का गठन स्वतंत्रता के बाद हुआ। उन्होंने कहा कि एटक ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी और 1921 में झारिया सम्मेलन में ही पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित किया था, जबकि कांग्रेस ने यह प्रस्ताव 1929 में पारित किया। एटक अंतरराष्ट्रीय ट्रेड यूनियन संगठन WFTU का संस्थापक सदस्य है।
वर्तमान में एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामेंद्र कुमार और महासचिव अमरजीत कौर हैं, जो किसी भी राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन संगठन की पहली महिला महासचिव हैं। चांगवाल ने कहा कि मजदूर एटक के झंडे तले अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सुरक्षित हैं और केंद्र एवं राज्य सरकारों की मजदूर-विरोधी नीतियों के खिलाफ निरंतर संघर्षरत हैं। कालूराम मीणा ने कहा कि जल परियोजना कर्मचारियों ने एटक के नेतृत्व में कई अधिकार प्राप्त किए हैं और भविष्य में भी संगठन की एकता से अपने हक की लड़ाई जारी रखेंगे। समारोह को गेबिलाल डामोर, अमरचंद, दिलीप कुमार, मोहनलाल खराड़ी, अनिल शर्मा, और रमेश मीणा ने भी संबोधित किया। अंत में अध्यक्ष मंडल ने सभी अतिथियों और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। समारोह के बाद यूनियन की ओर से उपस्थित कर्मचारियों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई।
एटक का 105वां स्थापना दिवस केवड़ा में धूमधाम से मनाया

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