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एअर इंडिया फ्लाइट AI-171 क्रैश: 32 सेकंड में दो इंजन बंद, 270 की मौत पर जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

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24 News updatr अहमदाबाद, 12 जुलाई 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ ही सेकेंड बाद क्रैश हो गई थी, जिसमें 270 लोगों की मौत हो गई। अब इस भयावह हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई है, जिसे एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को सार्वजनिक किया। 15 पेज की इस रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि टेकऑफ के कुछ सेकेंड बाद विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए थे। इसकी वजह ईंधन सप्लाई बंद होना था, क्योंकि दोनों फ्यूल स्विच एक-एक कर खुद कटऑफ मोड में चले गए थे।

रिपोर्ट के अनुसार, फ्लाइट AI-171 ने दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और 1:40 बजे 200 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान टेकऑफ के मात्र 32 सेकंड बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गया था। इस दुर्घटना में 241 यात्री और 29 क्रू मेंबर की मौत हो गई, जबकि केवल एक यात्री जीवित बचा।

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दोनों पायलटों के बीच बातचीत सामने आई है, जिससे संकेत मिला कि इंजन खुद-ब-खुद बंद हुए थे। एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “क्या तुमने स्विच बंद किया?” जवाब मिला, “मैंने नहीं किया।” यह दर्शाता है कि स्विच मैन्युअल रूप से बंद नहीं किए गए थे।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इंजन बंद होते ही विमान में रैम एयर टर्बाइन (RAT) एक्टिव हो गई थी। यह एक इमरजेंसी डिवाइस होती है, जो हवा की गति से घूमकर बिजली और हाइड्रॉलिक पावर पैदा करती है ताकि न्यूनतम नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम काम करते रहें।

AAIB की रिपोर्ट में मौसम, बर्ड हिट, या किसी तरह की तोड़फोड़ की संभावना को खारिज कर दिया गया है। टेकऑफ के समय मौसम बिल्कुल साफ था और दृश्यता भी सामान्य थी। फ्लैप और गियर सेटिंग भी उड़ान के लिए सामान्य स्तर पर थीं।

दोनों पायलट पूरी तरह फिट थे और उनके पास उड़ान का व्यापक अनुभव था। पायलट इन कमांड के पास 15,000 घंटे और को-पायलट के पास 3,400 घंटे का अनुभव था। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि दोनों इंजनों को दोबारा शुरू करने की कोशिश की गई थी, लेकिन विमान की ऊंचाई बहुत कम थी और इंजनों को ताकत हासिल करने का समय नहीं मिल सका।

ब्लैक बॉक्स डेटा के अनुसार टेकऑफ के समय थ्रस्ट लीवर एक्टिव थे, जिससे साफ होता है कि ईंधन आपूर्ति रुकने से इंजन बंद हुए थे। क्रैश के बाद ये थ्रस्ट लीवर पूरी तरह टूटे हुए मिले।

टेकऑफ के एक मिनट के भीतर पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को मेडे कॉल भेजा था, लेकिन इसके बाद कोई उत्तर नहीं मिला। आखिरी सिग्नल विमान से 625 फीट की ऊंचाई पर मिला था।

फिलहाल रिपोर्ट में बोइंग या इंजन निर्माता जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के लिए कोई चेतावनी या कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई है। AAIB ने स्पष्ट किया है कि यह प्रारंभिक रिपोर्ट है और अंतिम निष्कर्ष जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगा।

बोइंग कंपनी ने हादसे के बाद संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि वह जांच एजेंसियों और एअर इंडिया के साथ पूरा सहयोग कर रही है।

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