24 News update अहमदाबाद। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI 171 के हादसे में मारे गए यात्रियों के शवों की पहचान को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। ब्रिटेन के दो पीड़ित परिवारों ने दावा किया है कि उन्हें जो शव सौंपे गए, वे उनके परिजनों के नहीं थे। DNA जांच में यह पुष्टि हुई है कि ताबूत में रखे शव किसी और के थे।
यह चौंकाने वाला खुलासा ब्रिटेन के अखबार डेली मेल की एक रिपोर्ट में किया गया है। हादसे के पीड़ितों की ओर से वकालत कर रहे वकील जेम्स हीली ने बताया कि दोनों परिवारों ने DNA रिपोर्ट आने के बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया रोक दी, क्योंकि रिपोर्ट से साफ हो गया कि शव उनके परिजन से मेल नहीं खा रहे।
भारत की प्रतिक्रिया: “ब्रिटिश अधिकारियों से मिलकर कर रहे जांच”
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि मामला सामने आने के बाद भारत ने ब्रिटिश अधिकारियों से संपर्क कर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में शवों की पहचान प्रोटोकॉल के अनुसार की गई थी।
इस मामले में एयर इंडिया की ओर से अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयरलाइन ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है। हादसे में मारे गए 13 शवों को ब्रिटेन भेजा गया था।
प्लेन हादसे में 270 लोगों की मौत हुई थी
गौरतलब है कि 12 जून को फ्लाइट AI 171, टेकऑफ के केवल 32 सेकेंड बाद ही अहमदाबाद के एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकराकर क्रैश हो गई थी। इस भयानक दुर्घटना में 270 लोगों की जान गई, जिसमें 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे।
पहले भी एयर इंडिया पर लगे थे गंभीर आरोप
इससे पहले, ब्रिटेन की कानूनी फर्म ‘स्टीवर्ट्स’ ने एयर इंडिया पर आरोप लगाया था कि वह मुआवजा भुगतान से पहले पीड़ित परिवारों से संवेदनशील वित्तीय जानकारी मांग रही है, ताकि उनका मुआवजा घटाया जा सके।
स्टीवर्ट्स ने दावा किया कि एयर इंडिया इस तरह की रणनीति से लगभग ₹1,050 करोड़ तक बचा सकती है। फर्म ने अपने क्लाइंट्स को सलाह दी है कि वे एयर इंडिया द्वारा भेजे गए फॉर्म न भरें और कानूनी रास्ता अपनाएं।
मुआवजा घोषणाएं: टाटा ग्रुप और एयर इंडिया
हादसे के बाद, टाटा ग्रुप ने मृतकों के परिजनों को ₹1 करोड़ मुआवजा देने की घोषणा की थी, जबकि एयर इंडिया ने ₹25 लाख की राहत राशि देने का वादा किया था।

