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अधिवक्ताओं का जोरदार प्रदर्शन, शुरू हुआ दिन-रात का धरना, धरना स्थल पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से भरेंगे जोश, सभी दलों, संगठनों का समर्थन

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24 News Update उदयपुर। बीकानेर में हाईकोर्ट की वर्चुअल बेंच की संभावित घोषणा की खबर के बाद उदयपुर में आक्रोश फूट पड़ा है। मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बेंच संघर्ष समिति एवं बार एसोसिएशन उदयपुर के आह्वान पर शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने ज़िला एवं सत्र न्यायालय से विशाल जुलूस निकाला और संभागीय आयुक्त कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। अधिवक्ताओं ने मांग की कि यदि बीकानेर में बेंच की घोषणा होती है तो उदयपुर में भी साथ ही बेंच स्थापित की जाए, अन्यथा आंदोलन उग्र रूप लेगा।

मानव श्रृंखला और नारेबाजी से गूंजी सड़कें
सुबह जिला न्यायालय गेट पर अधिवक्ताओं ने डेढ़ घंटे तक मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया। इसके बाद जुलूस कोर्ट चौराहा, चेतक सर्कल, पहाड़ी बस स्टैंड और सूचना केंद्र होते हुए संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचा। पूरे मार्ग में “हाईकोर्ट बेंच हमारा हक है”, “सरकार हाय-हाय”, “कानून मंत्री मुर्दाबाद” और “लेकर रहेंगे हाईकोर्ट बेंच” जैसे नारे गूंजते रहे। रैली में महिला अधिवक्ताओं की बड़ी तादाद रही, जो हाथों में तख्तियां लेकर आगे-आगे चल रही थीं।

संघर्ष समिति और बार एसोसिएशन का नेतृत्व
आंदोलन का नेतृत्व मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बेंच संघर्ष समिति के संयोजक रमेश नंदवाना और बार एसोसिएशन अध्यक्ष चंद्रभान सिंह शक्तावत ने किया। मंच संचालन भरत वैष्णव ने संभाला।
समिति के महासचिव डॉ. रामकृपा शर्मा, प्रवक्ता हरीश पालीवाल, उपाध्यक्ष देवीलाल जाट, महासचिव महावीर शर्मा, वित्त सचिव राजकुमार शर्मा, सदस्य घनश्याम सिंह, नवीन वसीटा, पूर्व अध्यक्ष मनीष शर्मा, राकेश मोगरा, भरत वैष्णव, महेंद्र नागदा, भरत जोशी, प्रफुल्ल करणपुरिया, शंभू सिंह राठौड़ और अन्य अधिवक्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

सभी राजनीतिक दलों और संगठनों का समर्थन
धरना-प्रदर्शन को भाजपा, कांग्रेस, आप और माकपा सहित सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया।
दिनेश भट्ट (भाजपा पूर्व जिला अध्यक्ष)
धर्मनारायण जोशी (पूर्व विधायक, मावली)
रविंद्र श्रीमाली (भाजपा पूर्व जिला अध्यक्ष)
रविकांत त्रिपाठी (विश्व हिंदू परिषद)
लालसिंह झाला (कांग्रेस पूर्व देहात जिला अध्यक्ष)
दिनेश श्रीमाली (पूर्व प्रत्याशी विधायक)
विवेक कटारा (कांग्रेस)
कचरूलाल चौधरी (कांग्रेस देहात जिला अध्यक्ष)
फतेह सिंह राठौड़ (कांग्रेस शहर जिला अध्यक्ष)
अरुण टाक (प्रतिपक्ष नेता, कांग्रेस)
नजमा मेवाफरेशान (कांग्रेस शहर महिला अध्यक्ष)
आनंद पालीवाल (डीन, विधि महाविद्यालय)
सूर्यप्रकाश सुहालका (सवालका समाज जिला अध्यक्ष)
परमवीर सिंह (करणी सेना)
अमर सिंह पवार (सिख समाज)
अमित श्रीवास्तव (कायस्थ समाज)
शंकरलाल चौधरी और राजेश सिंघवी (कम्युनिस्ट पार्टी राज्य सचिव)
कमलेंद्र सिंह पवार
ख्यालीलाल रजक (भाजपा एससी सेल जिला अध्यक्ष)
प्रकाश प्रजापत (प्रजापत समाज)
प्रकाश अग्रवाल (अग्रवाल समाज)
जागूराम मेनारिया (सरपंच, लक्कड़वास)
मोहित मेनारिया (मेनारिया समाज)
मानाराम डांगी (प्रकृति मानव केंद्रित जन आंदोलन)
किशन सोनी (स्वर्णकार समाज महासचिव)
डॉ. ओमप्रकाश बारबर (सेन समाज विकास संस्थान)
महेंद्र शर्मा (महासचिव)
शंभू सिंह राठौड़ (पूर्व बार अध्यक्ष)
लक्ष्मण पुरी गोस्वामी (भिंडर बार अध्यक्ष)
डॉ. सतीश मीणा, कमलेश दवे, भारत सिंह राव, जितेंद्र जैन, मधुबाला तेली और पी.आर. सालवी।

आंदोलन की रणनीति
अधिवक्ताओं ने ऐलान किया कि धरना दिन-रात लगातार चलेगा। रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे अंताक्षरी, एकल गायन और कविताएं होंगी। संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और बीकानेर के साथ उदयपुर में भी वर्चुअल हाईकोर्ट बेंच की घोषणा कराने की मांग रखी। समिति संयोजक रमेश नंदवाना ने चेतावनी दी कि अगर उदयपुर की उपेक्षा हुई तो आंदोलन उग्र रूप लेगा और भाजपा को राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ेगा।

पुलिस की व्यवस्था
धरना और जुलूस के दौरान पुलिस ने यातायात व्यवस्था संभालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया।

उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच क्यों जरूरी?
संघर्ष समिति के अनुसार दक्षिण राजस्थान (उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़) के लोगों को अब तक न्याय के लिए जोधपुर या जयपुर जाना पड़ता है। इससे गरीब और ग्रामीण वर्ग बुरी तरह प्रभावित होता है। बेंच बनने से न्याय तक पहुंच आसान होगी, मुकदमों की सुनवाई तेज होगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

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