24 news Update उदयपुर। आज राजस्थान में हाईकोर्ट को लेकर दो आंदोलन चल रहे हैं और जनता परेशान है। पेशियां नहीं हो पा रही हैं, चक्कर पर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की मांग है व मंत्रीजी एक बार फिर मीठी गोली देकर बेंच को बीकानेर ले जाना चाहते हैं तो जयपुर और जोधपुर के वकील हाईकोर्ट बेंच की अखंडता के पक्ष में प्रदर्शन करते हुए कार्य बहिष्कार कर रहे है। कड़वा सच ये है कि सब आर्थिक अखंडता की माया है, जनता से किसी को कोई सरोकार नहीं है।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के बीकानेर में राजस्थान हाईकोर्ट की सर्किट बेंच स्थापना से जुड़े बयान के विरोध में राजस्थान हाईकोर्ट व अधीनस्थ न्यायालयों के वकीलों ने आज पूरे दिन न्यायिक कार्यों का स्वैच्छिक बहिष्कार किया। जोधपुर हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन और लॉयर्स एसोसिएशन की संयुक्त बैठक में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। वकीलों ने स्पष्ट किया कि आज न व्यक्तिगत उपस्थिति दी जाएगी और न ही वर्चुअल माध्यम से।
एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रतनाराम ठोलिया ने सरकार की कोशिश को “पांच दशक पुरानी भूल दोहराने” से बताया और कहा कि अधिवक्ता उच्च न्यायालय की अखंडता व प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए हर संभव संघर्ष करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार उच्च न्यायालय को खंडित करने का प्रयास जारी रखती है, तो वकील कठोर आंदोलन व अनिश्चितकालीन बहिष्कार को मजबूर होंगे।
बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी समर्थन दिया। जयपुर बार एसोसिएशन ने भी इस बहिष्कार को समर्थन देते हुए न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करने की घोषणा की। दोनों एसोसिएशन ने रजिस्ट्रार जनरल को पत्र भेज कर आज के दिन किसी भी मामले में प्रभावी कार्यवाही न कराने का अनुरोध किया।
यहां हाईकोर्ट बेंच के लिए विरोध हो रहा है, वहां बेंच अखंडता के पक्ष में प्रदर्शन!! कहीं ‘‘आर्थिक अखंडता’’ तो नहीं है कारण!!!

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