24 News update उदयपुर, 3 जुलाई। राष्ट्रसंत मनोज्ञाचार्य पुलक सागर महाराज का ससंघ मंगल प्रवेश बुधवार सायं डबोक स्थित केआरई अरिहंत नगर में भव्य शोभायात्रा, ढोल-नगाड़ों और जयकारों के साथ हुआ।
केआरई अरिहंत नगर के दिनेश खोड़निया ने बताया कि बुधवार शाम 6 बजे हुए भव्य मंगल प्रवेश में आदिश खोड़निया, प्रकाश सिंघवी, डॉ. सीमा चम्पावत, विप्लव कुमार जैन, बलवंत बल्लू, सकल जैन समाज के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत, शहर विधायक ताराचंद जैन, पूर्व उपमहापौर एवं चातुर्मास संयोजक पारस सिंघवी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
गुरुवार प्रातः 8:30 बजे चित्र अनावरण और दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। खोड़निया परिवार की ओर से आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन किया गया।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ने कहा — “उदयपुर मुझे अतिप्रिय है, 17 वर्षों बाद ऐसा लग रहा है जैसे अपने घर लौट रहा हूँ। मैं केवल शहर में नहीं, जन-जन के हृदय में प्रवेश करने आया हूँ। ज्ञान गंगा प्रवचन श्रृंखला के माध्यम से सर्वसमाज को एकता के सूत्र में बांधने का संकल्प लेकर आया हूँ।”
चातुर्मास अध्यक्ष विनोद फांदोत ने जानकारी दी कि इस मौके पर मेवाड़-वागड़ क्षेत्र के अनेक श्रद्धालु, पुलक मंच के सदस्य, और अंतरराष्ट्रीय जैन भक्ति गायक अजीत जैन ने भी भक्ति संध्या में भाग लिया।
कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्टजन :
दिनेश खोड़निया, आदिश खोड़निया, विनोद फांदोत, ताराचंद जैन (विधायक), इंदिरा मीणा (विधायक एवं देहात कांग्रेस प्रभारी), राजकुमार फत्तावत (सकल जैन समाज अध्यक्ष), पारस सिंघवी (पूर्व उपमहापौर), प्रकाश सिंघवी, डॉ. सीमा चम्पावत, विप्लव कुमार जैन (प्रचार-प्रसार मंत्री), बलवंत बल्लू (कवि), अजीत जैन (अंतरराष्ट्रीय जैन भक्ति गायक), महेंद्र डामोर, लक्ष्मी लाल सोनी, दिनेश औदिच्य, गोपाल सरपटा, सहित बड़ी संख्या में पुलक मंच के सदस्य व क्षेत्रीय श्रद्धालु मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन प्रकाश सिंघवी और डॉ. सीमा चम्पावत ने किया।
6 जुलाई को झीलों की नगरी में ऐतिहासिक मंगल प्रवेश
अखिल भारतीय पुलक जन चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद फांदोत ने बताया कि 6 जुलाई को आचार्य श्री का भव्य ऐतिहासिक मंगल प्रवेश उदयपुर शहर में होगा। वर्ष 2008 के बाद पहली बार वर्ष 2025 का चातुर्मास उदयपुर में सम्पन्न होगा। पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने भी आचार्य श्री से डबोक में आशीर्वाद लिया। शुक्रवार को आचार्य श्री ससंघ विहार कर देबारी स्थित श्री पार्श्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे।

