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रील के चक्कर में रियल लाइफ से दूर हो रही है आज का युवा पीढ़ी : आचार्य पुलक सागर

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24 News Udpate उदयपुर। राष्ट्रसंत मनोज्ञाचार्य पुलक सागर महाराज ससंघ का 17 वर्षों बाद झीलों की नगरी में स्थित महावीर जिनालय सर्वऋतु विलास में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश रविवार को फतह स्कूल के बाहर से विशाल शोभायात्रा के साथ हुआ।  
चातुर्मास समिति के अध्यक्ष विनोद फान्दोत ने बताया कि शोभायात्रा से पूर्व सोमेश वाणावत परिवार ने आचार्य के पादप्रक्षलान किया। उसके बाद शोभायात्रा प्रारम्भ हुई। जो सूरजपोल चौराहा, बापू बाजार, जोधपुर मिष्ठान भण्डार होते हुए नगर निगम प्रांगण में पहुंची। मार्ग में जगह-जगह स्वागत द्वार लगाए गए वहीं स्वागत द्वारों पर हजारों श्रावक-श्राविकाओं ने आचार्य संघ की अगवानी करते हुए पूरे मार्ग को जयकारों से गुंजायमान कर दिया। शोभायात्रा में सबसे आगे हाथी चल रहा था उसके पीछे पांच अश्व सवार हाथों में जैन ध्वज लेकर चल रहे थे उनके पीछे पांच बुलेट बाइक पर सवार साधर्मी भी हाथों में जैन पताका लेकर शोभायात्रा को आगे बढ़ा रहे थे। उनके पीछे तीन खुली जीपों में ढोल नगाड़े विशाला जन मैदिनी को आगे बढ़ा रहे थे। उनके पीछे 55 बुलेट, चातुर्मास पुण्यार्जक परिवार की तीन बग्गियां उनके पीछे 24 बच्चे स्केटिंग करते हुए चल रहे थे। उसके बाद विभिन्न स्कूलों एवं जैन पाठशालाओं के बच्चे घोष बैण्ड की स्वर लहरियां बिखेर रहे थे। उनके बाद पाश्र्वनाथ महिला मण्डल की महिलाएं गुजराती वेशभूषा में आचार्य के कट आउट हाथों में लिए झुम रही थी। दशा हुमड महिला मंच, चक्रेश्वरी महिला मंच, पद्मप्रभु महिला मंडल, महावीर चैत्यालय, सर्व दशा दसा हुमड़, चित्तौड़ा महिला मण्डल, नरसिंहपुरा समाज, कुंथु महिला मंच, जैन नागदा महिला मंच, सर्वऋतु विलास जैन महिला मण्डल, बीसा नरसिंहपुरा महिला मंडल, दिगम्बर जैन महासमिति, जैन प्रगति महिला मंच, अग्रवाल महिला मण्डल, बीसा नरसिंहपुरा महिला मण्डल, दिगम्बर जैन महासमिति, जैन प्रगति महिला मंच, अग्रवाल महिला मंडल, धर्मवर्धनी महिला मंच, खण्डेलवाल महिला मण्डल, कानपुर महिला मंडल, केशव नगर महिला मण्डल, लकड़वास महिला मंडल, जैन जागृति महिला मंडल, आदिनाथ महिला मंडल केशवनगर ने अलग-अलग वेशभूषा में संदेश देते हुए शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रही थी। शोभायात्रा का संचालन श्री मेवाड़ जैन युवा संस्थान द्वारा किया गया।
परम संरक्षक राजकुमार फत्तावत व मुख्य संयोजक पारस सिंघवी ने संयुक्त रूप से बताया कि नगर निगम प्रांगण में ध्वजारोहण व पाण्डाल उद्घाटन गेंदालाल-विनोद फान्दोत, नीलकमल अजमेरा एवं दिनेश-आदिश खोडनिया परिवार ने किया। स्वागत उद्बोधन पुलक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद फान्दोत ने किया। संचालन महामंत्री प्रकाश सिंघवी ने किया। चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन सकल जैन समाज के सभी अध्यक्षों एवं मंत्रियों द्वारा किया गया। पाद प्रक्षालन गेन्दालाल-विनोद फान्दोत, नीलकमल अजमेरा एवं दिनेश-आदिश खोडनिया व डागरिया परिवार ने किया। अर्घ समर्पण श्री मेवाड़ जैन युवा संस्थान के निर्मल कुमार मालवी, पारस सिंघवी, शांतिलाल गांगावत, राजेश देवड़ा व अन्य सदस्यों द्वारा किया गया। शास्त्र भेंट महावीर जिनालाय सर्वऋतु विलास के ट्रस्टी गणों द्वारा किया गया। प्रवेश के दौरान उदयपुर, डूंगरपुर, सागवाड़ा, साबला, बांसवाड़ा, धरियावद, भीण्डर, कानोड़, अडिंदा, सहित संभाग भर से हजारों श्रावक-श्राविकाएं पहुंंचे।
कार्याध्यक्ष आदिश खोडनिया व कोषाध्यक्ष श्रीपाल धर्मावत ने बताया कि इस अवसर पर आचार्य पुलक सागर ने धर्मसभा में कहां कि धर्म जीवन का बीमा है, जो जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी। ध्यान रखना इस जीवन में भी काम आएगा और अगले जीवन में भी काम आएगा। उन्होंने कहा कि- धर्म कोई डिटर्जेंट पाउडर नहीं है, जिसे पहले इस्तेमाल करो, फिर विश्वास करो। राष्ट्र संत ने उदयपुर में अपने प्रवचन में समय की कमी के बहाने पर भी बात की। पुलक सागर महाराज ने कहा आज 12 घंटे का सफर 4 घंटे में हो जाता है, 12 लोगों का परिवार 4 लोगों में सिमट कर आ गया। फिर भी आदमी कहता है, मेरे पास समय नहीं है। रील बनाने के लिए समय है, फेसबुक में रील देखने का समय है। जिस दिन आदमी के पास हकीकत में समय नहीं होगा। उस दिन उसको आभास होगा कि जो समय गंवाया वो कितना कीमती था। मंगल प्रवेश के दौरान शोभायात्रा भी निकाली गई।  उदयपुर से वर्ष 2008 में आचार्य श्री पुलकसागर जी की आध्यात्म यात्रा ने प्रथम उड़ान भरी थी । वर्षायोग 2025 के पावन अवसर पर वायुयान ने अपनी रफ़्तार की आसमानी ऊंचाइयों को स्पर्श करने आज के दिन गुरुदेव के मंगल प्रवेश के भव्यातिभव स्वागत मे उदयपुर के जनसमूह  ने सारे किर्तीमान को तोड़ा है।  आसमान नीला है धरती का आँचल गीला है। छु कर चरण आपके धरा का रज कण चमकीला है।  धर्म की महफ़िल है , आस्था की सभा है  उदयपुर वासियों आपके उदास चहरे पर ख़ुशी और होंठों को मुस्कान सिखाने आया हूँ।  बीना मृत्यु के तुम्हारे लिये जमीन पर स्वर्ग ले कर आया हूँ।  नज़रिये का वैध हूँ। तुम्हारे नयनों को सम्यकदर्शन के सपने सौंपने आया हूँ।  जीवन भव के फतहसागर को पार करना है। महावीर हमारे अग्रणी है उनकी जयकार करना होशियारी है लेकिन समझदारी तो महावीर की देशनाओं को आत्मसात् करना है।  अपने किमती वक्त को बेवक्त ना करो । जितनी तुम्हारी साँसें हैं वो सारी घडिय़ाँ तुम्हारी करलो। कुछ पल जो मेरे सानिध्य में गुजरेंगे वो ही समय बहुमूल्य हो जायेगा। तुम्हारे शहर मे 135 दिनों का प्रवास है क्षण क्षण प्रकाश मय होगा ।
राष्ट्रसंत आचार्य पुलक सागर महाराज ने प्रवचन में कहा- आज 12 घंटे का सफर 4 घंटे में हो जाता है। 12 लोगों का परिवार 4 लोगों में सिमट कर आ गया। फिर भी आदमी कहता है, मेरे पास समय नहीं है। रील बनाने के लिए समय है। फेसबुक में रील देखने का समय है। मान्यवर गति बढ़ गई, दूरियां घट गई। फिर भी आदमी कहता है समय नहीं है। एक बात मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि जिस दिन आदमी के पास हकीकत में समय नहीं होगा। उस दिन उसको आभास होगा कि जो समय गंवाया वो कितना कीमती था। धर्म कोई डिटर्जेंट पाउडर नहीं है कि पहले इस्तेमाल करो। फिर विश्वास करो। धर्म तो जीवन का बीमा है। जिंदगी के साथ भी। जिंदगी के बाद भी। ध्यान रखना इस जीवन में भी काम आएगा और अगले जीवन में भी काम आएगा।
बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ किया संत का स्वागत
आचार्य पुलक सागर महाराज के मंगल प्रवेश की शोभायात्रा नगर निगम टाउन हॉल प्रांगण में पहुंची। यहां पांडाल में वे मंच पर विराजित हुए। उनके मंच पर चढ़ने के दौरान लोगों ने जयकारे लगाए और स्वागत किया। पांडाल में बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं। इस दौरान बच्चों ने मंच पर आचार्य के स्वागत में स्वागतम गीत पर मनमोहक प्रस्तुति दी।
राष्ट्रसंत के स्वागत में उमड़ी झीलों की नगरी
शोभायात्रा में महिलाएं एक जैसी पोशाक में नजर आ रही हैं। हाथों में ध्वज और गुब्बारे लेकर चलती महिलाओं का उत्साह और अनुशासन दर्शनीय है।  शोभायात्रा में कई झांकियां शामिल हैं। सडक़ के दोनों ओर बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाराजश्री का दर्शन पाने को उत्सुक हैं। शोभायात्रा में बच्चे स्केटिंग करते चले। यह नजारा देख लोगों ने बच्चों की तारीफ की।  जैनाचार्य के स्वागत में महिलाओं का एक ग्रुप बाजार में केसरिया साफे बांध नाचते-गाते मंजीरे बजाते हुए आगे बढ़ रहा है।
चातुर्मास समिति के प्रचार-प्रसार मंत्री विप्लव कुमार जैन ने बताया कि चातुर्मासिक प्रवेश समारोह में उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़, प्रमोद सामार, विनोद फान्दोत, राजकुमार फत्तावत, आदिश खोडनिया, सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, सुरेश पद्मावत, श्याम नागोरी, सुधीर चित्तौड़ा, देवेन्द्र छाप्या, बलवंत बल्लू ऋषभदेव, शांतिलाल भोजन,  शांतिलाल मानोत, प्रमोद सामर, कुन्तीलाल जैन, गेन्दालाल फान्दोत, निर्मल कुमार मालवी, प्रकाश सिंघवी, श्रीपाल धर्मावत, नरेन्द्र सिंघवी, यशवंत आंचलिया, आलोक पगारिया, नितुल चण्डालिया, अतुल चण्डालिया, अरूण माण्डोत, रितेश जैन, दिनेश वजुवावत, पारस चित्तौड़ा, सुनील खेड़वा, कमल कुमार जैन, पन्नालाल जैन, राजेन्द्र चित्तौड़ा, महावीर नागदा सहित कई समाजजन मौजूद रहे।
– चातुर्मासिक प्रवेश के साथ हुआ संत भवन का उद्घाटन  
चातुर्मास समिति के मुख्य संयोजक अशोक शाह ने बताया कि नगर निगम प्रांगण में धर्मसभा के पश्चात आचार्य ससंघ चातुमार्सिक प्रवास के लिए श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर सर्वऋतु विलास पहुंचे जहां श्रीजी के दर्शन कर मंदिर के सामने स्थित नव निर्मित संत भवन का उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। यह संत भवन स्व. महावीर प्रसाद धर्मावत की पुण्य स्मृति में निर्मित हुआ है। जिसके उद्घाटन कर्ता शकुंतला देवी, मनोज- हेमांगिनी, कृष धर्मावत द्वारा किया गया। आचार्य का प्रवास नवनिर्मित संत भवन में ही रहेगा। 

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