24 News Update उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की कुलगुरु सुनीता मिश्रा के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं, प्रशासनिक लापरवाही, विवादित बयानबाजी और छात्रहितों की अनदेखी जैसे गंभीर आरोपों की जांच में देरी अब आलोचना का कारण बन गई है। कमेटी पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सदस्य कर क्या रहे हैं। केवल टीए—डीए और अपने सुपर बॉस के आदेशों का खेल तो नहीं खेल रहे। कहीं किसी उपरी आदेश के इंतजार में छात्र हितों की अनदेखी और पुराने विरोधों व आंदोलनों का कबाड़ा तो नहीं करने वाले है। चर्चा तो सुविवि में यह है कि कार्यवाहक वीसी ने फिल्डिंग जमा दी है, अब केवल अवकाश प्राप्त वीसी की सुरक्षित सीट वापसी का इंतजार किया जा रहा है। वैसे भी अब तक घर बैठे वीसी को दी गई लाखों की तनख्वाह भी आलोचना का कारण बन गई है। इतना लंबा सवैतनिक अवकाश आखिर कौनसे पद पर मिलता है, यह छात्रों की फीस के पैसे का सरेआम दुरूपयोग है। इसकी जांच होनी चाहिए। अब लगातार हो रही देरी को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने नाराजगी और चिंता जताई है।
महानगर मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि लगातार विरोध-प्रदर्शन, तालाबंदी और कई चरणों में आंदोलन के बाद राज्यपाल ने एक जांच समिति का गठन किया था, जिसके बाद ABVP ने सद्भावना के तहत आंदोलन स्थगित कर दिया था। लेकिन जांच प्रक्रिया में अब तक कोई ठोस प्रगति दिखाई नहीं दे रही। इकाई अध्यक्ष प्रवीण टांक ने कहा कि समिति गठित हुए दो माह से अधिक समय बीत चुका है, मगर न रिपोर्ट सामने आई और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई। यह देरी इस बात का संकेत है कि या तो समिति मामले को अनावश्यक रूप से लटका रही है या फिर कुलगुरु सुनीता मिश्रा अपनी प्रभावशाली स्थिति का उपयोग कर रही हैं। उन्होंने इसे विश्वविद्यालय की गरिमा, प्रशासनिक पारदर्शिता और छात्र अधिकारों के लिए सीधे खतरे के रूप में वर्णित किया।
ABVP ने रखीं तीन स्पष्ट मांगें
जांच पूर्ण होने तक कुलगुरु सुनीता मिश्रा को तत्काल निलंबित किया जाए।
जांच समिति 7 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
समिति की बैठकें और प्रगति रिपोर्ट सार्वजनिक पोर्टल पर जारी की जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
इकाई सचिव त्रिभुवन सिंह ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर तुरंत कार्रवाई नहीं होती, तो परिषद विश्वविद्यालय परिसर में पुनः उग्र आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी नए तनाव या अव्यवस्था की स्थिति के लिए जांच समिति ही पूर्णतः जिम्मेदार होगी।

