उदयपुर। फतहनगर थाना क्षेत्र के वासनीकला पंचायत अंतर्गत लदाना गांव में दूषित पानी से हुई एक युवती की मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने रविवार को मृतका के शव के साथ यूएस अमीनो प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल आसपास के जल स्रोतों को प्रदूषित कर रहा है, जिससे गांव के लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है।
पानी पीने के बाद बिगड़ी तबीयत, इलाज के दौरान मौत
मृतका की पहचान 19 वर्षीय सोनू कंवर के रूप में हुई है, जो कक्षा 10वीं की छात्रा थी। उसके मामा दिलीप सिंह ने बताया कि शनिवार शाम सोनू ने घर के कुएं से पानी पीया, जिसके कुछ ही देर बाद उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। परिजन तुरंत उसे अस्पताल ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। रातभर तबीयत बिगड़ती रही और रविवार सुबह इलाज के दौरान सोनू ने दम तोड़ दिया।
परिजनों का कहना है कि सोनू पहले भी इसी पानी के सेवन के बाद बीमार हुई थी। कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से दूषित पानी की शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
फैक्ट्री के केमिकल से जहरीला हुआ पानी
ग्रामीणों का आरोप है कि यूएस अमीनो प्रा.लि. की यूनिट से निकलने वाला रासायनिक कचरा नजदीकी जलस्रोतों में मिल रहा है। यही पानी ग्रामीण पीने और सिंचाई दोनों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि फसलों पर भी इसका दुष्प्रभाव देखा जा रहा है, लेकिन शिकायतों के बावजूद प्रदूषण नियंत्रण विभाग और प्रशासन मौन बना हुआ है।
ग्रामीणों ने प्रशासन को दी चुनौती
मौत के बाद ग्रामीणों ने मृतका का शव फैक्ट्री गेट पर रखकर प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे मावली एसडीएम रमेश सिरवी को ग्रामीणों ने घेर लिया और बोतल में भरे पीले रंग के दूषित पानी को दिखाते हुए कहा कि अगर यह पानी सुरक्षित है, तो अधिकारी इसे पीकर दिखाएं। एसडीएम के इनकार करने पर माहौल और तनावपूर्ण हो गया।
ग्रामीणों ने मांग की कि फैक्ट्री को तत्काल बंद कर उसकी जांच कराई जाए। वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाइश के प्रयास किए और कहा कि मामले की जांच के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
‘फैक्ट्री बंद है’ कहने पर भड़के ग्रामीण
एसडीएम सिरवी ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जानकारी के अनुसार फैक्ट्री वर्तमान में बंद है। इस पर ग्रामीणों ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि फैक्ट्री आज भी संचालित है और जहरीला पानी छोड़ रही है। उन्होंने विभाग पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और फैक्ट्री को सील करने की मांग पर अड़े रहे।
पानी की बोतल बनी सबूत का प्रतीक
धरना स्थल पर ग्रामीणों के पास मृतका के शव के साथ वही दूषित पानी की बोतल रखी हुई थी, जिसमें केमिकल जैसी गंध और पीला रंग स्पष्ट दिखाई दे रहा था। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक घर की नहीं, बल्कि पूरे गांव की समस्या है। जब तक दोषी फैक्ट्री पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
जांच की मांग और प्रशासन की भूमिका पर सवाल
घटना ने क्षेत्र में औद्योगिक अपशिष्ट से होने वाले प्रदूषण पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पहले शिकायतों पर कार्रवाई की जाती, तो एक मासूम की जान नहीं जाती। फिलहाल पुलिस और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और मृतका के शव का पोस्टमार्टम कर रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।

