उदयपुर। पोपल्टी ग्राम पंचायत के नजदीक दूषित पानी के आधा दर्ज लोगों ेक बीमार होने के मामले में मृतकों का आंकड़ा चार तक पहुंच गया हे घटना के बाद भले ही प्रशासन ग्रामीणों की सुध लेने के लिए मौके पर पहुंच गया हो लेकिन पोपल्टी ग्राम पंचायत के नजदीक आधा दर्जन पंचायत और एक दर्जन से अधिक गांव की स्थिति सरकारी दावों को फेल करती हुई नजर आ रही है। घटना के बाद हमारी टीम ने पोपल्टी अलशीगढ़ कालीवास सहित एक दर्जन से अधिक गांव मैं पेयजल की स्थिति को जानने के लिए क्षेत्र का दौरा किया तो हकीकत ऐसी सामने आई जो आज भी ग्रामीणों को दूषित पेयजल पीने के लिए मजबूर कर रही है । टीम ने मौके पर जाकर देखा तो दूषित पेयजल से चार लोगों की मौत हो जाने के बावजूद भी कई ग्रामीण नदी किनारे बनी वेरी से ही पीने का पानी भरते हुए और पीते हुए नजर आए। उनसे बात करनी चाहिए तो उन्होंने बताया कि क्षेत्र में कई हैंड पंप और पनघट लंबे समय से खराब हो चुके हैं कुछ हैंडपंप में पानी आता है लेकिन वह पीने लायक नहीं है ऐसी स्थिति में ग्रामीण नजदीक नदी किनारे वीरी से पानी भरकर ले जाते हैं वीडियो में आप देख सकते हैं कि पानी भर रही महिला ने अपनी मजबूरी को किस तरीके से बयां किया।
इन ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले कई आदिवासी परिवारों का यह भी कहना था कि हैंडपंप आबादी से दूर होने की वजह से नदी के नजदीक विरि से पानी भरकर अपनी प्यास बुझाते हैं। क्षेत्र में भाजपा और कोंग्रेस सरकार के द्वारा समय-समय पर पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए हैंडपंप और पनघट उपलब्ध करवाए गए लेकिन समय पर मरम्मत नहीं होने की वजह से कई हैंडपंप और पनघट खराब हो चुके हैं ।स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा बार-बार इसकी आवाज भी उठाई लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते आज तक भी इस मामले का सुधार नहीं देखने को मिला है ।
हादसे के बाद प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर विधायक फूल सिंह मीणा ने भी क्षेत्र का दौरा कर मामले की जानकारी ली हे। प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से क्षेत्र में चिकित्सकों की टीम को भेजकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच करवा रहा है वही दूषित पानी पीने से बीमार हुए लोगों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐसे में सीएमएचओ सहित स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी नाई गांव स्थित सीएससी पर डेरा डाले हुए हैं।
प्रशासन की अनदेखी के चलते ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल का संकट
हादसे के बाद पोपल्टी पंचायत के पूर्व सरपंच और वर्तमान सरपंच पति ने बताया कि पेयजल संकट को लेकर बार-बार प्रशासन को अवगत करवाया लेकिन अनदेखी के चलते बड़ा हादसा हुआ है।न पंचायत और एक दर्जन से अधिक गांव की स्थिति सरकारी दावों को फेल करती हुई नजर आ रही है। घटना के बाद हमारी टीम ने पोपल्टी अलशीगढ़ कालीवास सहित एक दर्जन से अधिक गांव मैं पेयजल की स्थिति को जानने के लिए क्षेत्र का दौरा किया तो हकीकत ऐसी सामने आई जो आज भी ग्रामीणों को दूषित पेयजल पीने के लिए मजबूर कर रही है ।हमारी टीम ने मौके पर जाकर देखा तो दूषित पेयजल से चार लोगों की मौत हो जाने के बावजूद भी कई ग्रामीण नदी किनारे बनी विरी से ही पीने का पानी भरते हुए और पीते हुए नजर आए। जब हमारी टीम ने उनसे बात करनी चाहिए तो उन्होंने बताया कि क्षेत्र में कई हैंड पंप और पनघट लंबे समय से खराब हो चुके हैं कुछ हैंडपंप में पानी आता है लेकिन वह पीने लायक नहीं है ऐसी स्थिति में ग्रामीण नजदीक नदी किनारे वीरी से पानी भरकर ले जाते हैं वीडियो में आप देख सकते हैं कि पानी भर रही महिला ने अपनी मजबूरी को किस तरीके से बयां किया। इन ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले कई आदिवासी परिवारों का यह भी कहना था कि हैंडपंप आबादी से दूर होने की वजह से नदी के नजदीक वेरी से पानी भरकर अपनी प्यास बुझाते हैं।
क्षेत्र में भाजपा और कोंग्रेस सरकार के द्वारा समय-समय पर पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए हैंडपंप और पनघट उपलब्ध करवाए गए लेकिन समय पर मरम्मत नहीं होने की वजह से कई हैंडपंप और पनघट खराब हो चुके हैं ।स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा बार-बार इसकी आवाज भी उठाई लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते आज तक भी इस मामले का सुधार नहीं देखने को मिला है।
हादसे के बाद प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर विधायक फूल सिंह मीणा ने भी क्षेत्र का दौरा कर मामले की जानकारी ली हे। प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से क्षेत्र में चिकित्सकों की टीम को भेजकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच करवा रहा है वही दूषित पानी पीने से बीमार हुए लोगों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐसे में सीएमएचओ सहित स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी नाई गांव स्थित सीएससी पर डेरा डाले हुए हैं।
हादसे के बाद पोपल्टी पंचायत के पूर्व सरपंच और वर्तमान सरपंच पति ने बताया कि पेयजल संकट को लेकर बार-बार प्रशासन को अवगत करवाया लेकिन अनदेखी के चलते बड़ा हादसा हुआ है।
पोपल्टी में दूषित पानी पीने से मृतकों का आंकड़ा चार तक पहुंचा, गांव में कई हैंड पंप और पनघट लंबे समय से खराब

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