24 news update जोधपुर. रेगिस्तान की धूल भरी आंधियों के बीच दफन एक खौफनाक राज, डेढ़ साल बाद कब्र से निकलकर इंसाफ की गुहार लगा रहा है। एक प्रेम त्रिकोण, जिसमें विश्वासघात की धार थी, जुनून की आग थी, और अंत में, एक निर्मम हत्या। सरकारी शिक्षकों के एक जोड़े ने अपने ही प्रेमी को मौत के घाट उतार दिया, उसके अवशेषों को रेगिस्तान की रेत में दफन कर दिया, और फिर एक शांत जीवन जीने का नाटक किया। लेकिन, सच कभी छिपता नहीं, और आखिरकार, उनकी खूनी साजिश का पर्दाफाश हो गया।
गायब हुआ नीतेंद्रराज, पिता की अनसुनी चीखें:
नीतेंद्रराज उर्फ प्रदीप, एक युवा और जोशीला युवक, 5 नवंबर 2023 को चूरू से जोधपुर एक परीक्षा देने के लिए निकला। उसके परिवार को क्या पता था कि यह उसकी आखिरी यात्रा होगी? अगले दिन, नीतेंद्रराज का मोबाइल फोन देचू पुलिस स्टेशन में मिला, जो एक बस कंडक्टर को मिला था। कंडक्टर ने बताया कि नीतेंद्रराज को एक रहस्यमयी महिला के साथ बस से उतरते देखा गया था। पिता, जुगराज ढेंडरवाल, ने अपने बेटे के फोन की जांच की, और उन्हें एक महिला के कई मिस्ड कॉल और एक दिल दहला देने वाली रिकॉर्डिंग मिली, जिसमें वह नीतेंद्रराज को मिलने के लिए मजबूर कर रही थी।
रेगिस्तान की रेत में दफन रहस्य, डीएनए की चीख:
जुगराज को गहरा संदेह हुआ। उनके बेटे को धोखा दिया गया था, और शायद, उसकी हत्या कर दी गई थी। 15 दिसंबर 2023 को, जब वह अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने देचू पहुंचे, तो उन्हें एक नरकंकाल के बारे में पता चला, जो नवंबर 2023 में जोधपुर-जैसलमेर राजमार्ग पर एक सुनसान इलाके में मिला था। पुलिस ने शुरू में इसे एक जंगली जानवर का शिकार मानकर दफना दिया था, लेकिन जुगराज ने हार नहीं मानी। उन्होंने कंकाल का डीएनए परीक्षण कराने की मांग की। परीक्षण के नतीजे एक झटके की तरह थे: कंकाल नीतेंद्रराज का था, रेगिस्तान की रेत ने एक खूनी रहस्य छुपा रखा था।
गिरफ्तारी और खौफनाक खुलासे:
देचू पुलिस ने बुधवार, 2 अप्रैल 2025 को, इस खूनी साजिश के दो मुख्य किरदारों को गिरफ्तार किया: ममता मीणा और जयकरण मीणा, दोनों सरकारी शिक्षक। ममता और नीतेंद्रराज के बीच एक गुप्त प्रेम संबंध था, लेकिन जयकरण के आने से मामला उलझ गया। पुलिस के अनुसार, ममता और जयकरण ने मिलकर नीतेंद्रराज की हत्या की, और उसके अवशेषों को रेगिस्तान की रेत में दफन कर दिया। उन्होंने एक निर्दयी और ठंडे दिमाग से हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया।
अदालत में इंसाफ की गुहार, रेगिस्तान में दफन सच:
पुलिस ने आरोपियों की 10 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन अदालत ने उन्हें 4 अप्रैल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत की दीवारों के भीतर, इंसाफ की गुहार गूंज रही है, जबकि रेगिस्तान की रेत में दफन सच अभी भी कई अनसुलझे सवालों के जवाब मांग रहा है। हत्या का मकसद क्या था? हत्या को कैसे अंजाम दिया गया? और क्या कोई और भी इस खूनी साजिश में शामिल था?
एक प्रेम कहानी का दुखद अंत, एक परिवार का टूटा हुआ दिल:
यह मामला एक प्रेम कहानी का दुखद अंत है, एक परिवार का टूटा हुआ दिल है, और एक खूनी साजिश का पर्दाफाश है। नीतेंद्रराज की जान ले ली गई, और उसके परिवार को कभी न भरने वाला घाव मिला। जांच अभी भी जारी है, और पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे, और इंसाफ का पहिया घूमेगा।
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