24 News Update उदयपुर। देशभर के कृषि वैज्ञानिक, शोधार्थी और औद्योगिक प्रतिनिधि आज से उदयपुर में एकत्रित हो रहे हैं। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, एन्टोमोलोजिकल रिसर्च एसोसिएशन एवं क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाला यह त्रिदिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘बदलते कृषि परिदृश्य में सतत् पौध संरक्षण की उन्नति’’ विषय पर आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन का शुभारंभ 18 सितम्बर गुरूवार को प्रातः 10 बजे राजस्थान कृषि महाविद्यालय के नूतन सभागार में होगा।
सम्मेलन में सत्रह राज्यों से 400 से अधिक कृषि वैज्ञानिक, शोधार्थी और उद्योग जगत के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी होंगे। अन्य विशिष्ट अतिथि कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री राजस्थान डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, सांसद उदयपुर डॉ. मन्नालाल रावत और सेक्रेटरी डेयर एवं महानिदेशक आईसीएआर डॉ. एम. एल. जाट कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलगुरू डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक करेंगे।
मुख्य आयोजन सचिव डॉ. मनोज कुमार महला ने बताया कि सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, कीट प्रबंधन, पर्यावरण अनुकूल कृषि प्रौद्योगिकी, जैव कीटनाशक, सटीक कृषि तकनीक और ‘‘मेक इन इंडिया’’ पहल पर गहन विचार-विमर्श होगा। भारत में वर्तमान में पंजीकृत तकनीकी कीटनाशकों और सूत्रीकरणों के बावजूद किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सम्मेलन में इन चुनौतियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान पौध संरक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 40 विशेषज्ञों को सम्मानित भी किया जाएगा। देश की प्रमुख कृषि रसायन निर्माता कंपनियां जैसे पेस्टीसाइड्स इंडिया, यूपीएल, एरिस्टो बायोटेक, सिन्जेंटा, सूमिटोमो, इंडोफील, क्रिस्टल क्रॉप केयर, बायर, घरडा केमिकल्स आदि के प्रतिनिधि भी अपने अनुभव साझा करेंगे।
डॉ. महला ने बताया कि वर्तमान में भारत की आबादी 1.45 अरब है और यह 2050 तक बढ़कर 1.70 अरब तक पहुंचने की संभावना है। ऐसे में सीमित कृषि भूमि और घटते जल संसाधनों के बीच फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए सतत् व पर्यावरण अनुकूल उपायों पर ध्यान देना जरूरी हो गया है।
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