24 News update उदयपुर। नगर निगम उदयपुर में फरमानों की बहार है। एसी कमरों में बैठ कर अफसर वे फैसले नहीं ले रहे हैं जो वास्तव में लेने चाहिए बल्कि वे ले रहे हैं जिनकी या तो तत्काल जरूरत नहीं है या फिर वे ज्यादा महत्व के नहीं है। निगम की मेहरबानी से शहर में सफाई व्यवस्था का जो आलम है वो किसी से छिपा हुआ नहीं है। निगम की मेहरबानी से सड़कें अस्त व्यस्त हैं। निगम की ओर से केवल उन्हीं लोगों पर कार्रवाई की जा रही है जो ज्यादा सक्षम नहीं हैं। पॉलिटिकली जो स्ट्रांग हैं उन पर कार्रवाई की हिम्मत ही नहीं होती। नया फरमान ये है कि निगम द्वारा अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान जब्त की गई सामग्री संबंधित के द्वारा 7 दिवस के भीतर नहीं छुड़वाया तो नगर निगम जब्त समग्री को कबाड़ घोषित कर नीलामी की कार्यवाही करेगा। जब्त सामग्री को पुनः प्राप्त करने के लिए 7 दिवस की समयावधि में निगम में संपर्क कर प्राप्त करें अन्यथा जब्त सामग्री को नीलम करने की कार्यवाही की जाएगी जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित संपत्ति मालिक की रहेगी।
दीपावली मेला को लेकर लिया निर्णय
नगर निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना ने बताया कि जल्द ही नगर निगम द्वारा दीपावली मेले का आयोजन किया जाएगा यह मेला निगम परिसर में ही आयोजित किया जाता है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर नगर निगम दीपावली मेले का अपने परिसर में क्यों करवा रहा है। जबकि एलिवेटेड रोड के काम के चलते अभी उसके परिसर के बाहर ही यातायात की गंभीर समस्या है। मेले से जो परेशानियां होंगी व अव्यवस्थाएं होंगी उसका जिम्मेदार कौन होगा।
मेला लगाना है, इसलिए 7 दिन में जब्त साम्रगी ले जाओ, नहीं तो जब्त कर लेंगे, बड़ा सवाल-एलिवेटेड रोड का काम चल रहा है, मेला आखिर निगम में क्यों??

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