Site icon 24 News Update

डॉक्टर हो तो ऐसा!! जार—जार रोए लोग, भाजपा नेताओं के प्रति बड़गांव में गहरा आक्रोष

Advertisements

24 News Update उदयपुर। बरसों बाद आज उदयपुर में ऐसा दृश्य देखने को मिला जो दुर्लभ था। डाक्टर साहब के लिए लोग जार जार रोए। नेताओं को जमकर कोसा और उन्हें भ्रष्टाचारी, मतलबी और ईगो वाला बता दिया। भाजपा नेताओं के लिए लोगों ने साफ कह दिया कि ये सब नहीं चलेगा। राजनीति के चक्कर में वे एक मेहनतरी, जज्बे वाले ईमानदार व कर्मठ डाक्टर को नहीं खोना चाहते। विरोध के स्वर इतने तीखे थे कि कान में सीसा डाल कर बैठै भ्रष्ट नेता भी हिल तो जरूर गए होंगे। देखना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।
बड़गांव सैटेलाइट हॉस्पिटल में प्रभारी चिकित्सक डॉ. अशोक शर्मा को अचानक एपीओ किए जाने के बाद शनिवार को क्षेत्र में तीखा विरोध भड़क उठा। सुबह से ही ग्रामीण बड़ी संख्या में अस्पताल परिसर के बाहर जुटने लगे और देखते ही देखते विरोध एक जन-आंदोलन का रूप ले गया। भीड़ में महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों के साथ स्कूली बच्चों की मौजूदगी ने सबका ध्यान खींचा। बच्चे हाथों में “Support Dr. Ashok Sharma” लिखी तख्तियां लिए खड़े थे। ग्रामीणों का कहना था कि डॉ. शर्मा के खिलाफ की गई कार्रवाई राजनीतिक खींचतान का नतीजा है, न कि किसी वास्तविक लापरवाही का। प्रदर्शनकारियों ने एपीओ आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि डॉक्टर का रिकॉर्ड देखें—“अगर वे दोषी हैं, तो प्रमाण सार्वजनिक किया जाए। बिना जांच और बिना कारण बताए ऐसे निर्णय स्वीकार नहीं।” ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि आदेश निरस्त होने तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन की तस्वीरें भी बनी चर्चा का विषय, एपीओ के विरोध में ग्रामीणों की भीड़ ने अस्पताल के बाहर मोर्चा संभाला। स्कूली बच्चों ने डॉक्टर के समर्थन में तख्तियां उठाईं। एक बच्ची ने हाथ से लिखे पोस्टर में डॉ. शर्मा को वापस नियुक्त करने की मांग की।
डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर फिर साधा निशाना—इधर, डॉ. अशोक शर्मा ने भी शनिवार को अपने इंस्टाग्राम पर एक और वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में उन्होंने स्थानीय नेताओं और अफसरों के रवैये पर तीखी टिप्पणी की है।
बीजेपी पदाधिकारियों की शिकायत से जोड़कर देखा जा रहा मामला
घटना की पृष्ठभूमि भी कम दिलचस्प नहीं है। चार दिन पहले बीजेपी के स्थानीय पदाधिकारियों ने सीएम से मुलाकात कर डॉ. शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसके दो दिन बाद ही एपीओ का आदेश जारी हो गया। ऐसे में ग्रामीणों का विरोध और आरोप—दोनों इस कार्रवाई को राजनीतिक रंग दे रहे हैं। डॉ. शर्मा इंस्टाग्राम पर काफी सक्रिय हैं। उनके 3 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं और वे अक्सर मरीजों के उपचार से जुड़ी रील्स पोस्ट करते रहे हैं। कई बार ड्यूटी के दौरान शूट की गई रील्स को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं, जिस कारण विभागीय दबाव या नाराजगी को भी कार्रवाई की वजह माना जा रहा है।
विभाग का पक्ष: “समय पर ड्यूटी नहीं, लापरवाही लगातार”
CMHO डॉ. अशोक आदित्य ने स्पष्ट किया कि कार्रवाई किसी दबाव में नहीं, बल्कि शिकायतों के आधार पर हुई है। उन्होंने बताया कि डॉ. शर्मा के समय पर हॉस्पिटल नहीं पहुंचने और ड्यूटी के प्रति उदासीनता की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। इसलिए प्रशासन ने उन्हें एपीओ करने का निर्णय लिया।

Exit mobile version