24 news Update जयपुर। मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत से एक दिन पहले राजस्थान में शनिवार सुबह से करीब 8000 स्लीपर बसों का संचालन पूरी तरह बंद हो गया। जैसलमेर बस हादसे के बाद परिवहन विभाग की कार्रवाई का विरोध करते हुए प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने यह कदम उठाया है।
ऑल राजस्थान कॉन्टेक्ट कैरिज बस एसोसिएशन के आह्वान पर हड़ताल शुरू हुई, लेकिन एसोसिएशन में ही इस फैसले को लेकर मतभेद उभर आए हैं। कई जिलों में बसें बंद हैं तो कुछ जगह ऑपरेटर्स ने मनमाना किराया वसूलते हुए बसें चलाईं। जयपुर में यात्रियों से सामान्य 600 रुपए की जगह 3500 रुपए तक किराया वसूले जाने की शिकायतें मिली हैं।
तीन लाख लोग फंसे, रोडवेज में पैर रखने की जगह नहीं
बसें बंद होने से जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर और पाली सहित कई जिलों में यात्रियों को भारी परेशानी हुई।
दावा है कि बसें नहीं चलने से करीब तीन लाख यात्री फंस गए।
जयपुर रोडवेज बस स्टैंड पर भीड़ इतनी थी कि VDO परीक्षा देने जा रहे अभ्यर्थियों को सीट के लिए खिड़की से बसों में घुसना पड़ा।
रेलवे स्टेशनों पर भी 3 गुना यात्री भार दर्ज किया गया।
ऑपरेटर्स बोले– कार्रवाई मनमानी, सुधार को समय दें
बीकानेर बस ऑपरेटर यूनियन अध्यक्ष समुंदर सिंह ने कहा, “हम सभी सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हैं। अगर नए मानक तय किए जा रहे हैं, तो हमें उन्हें लागू करने के लिए कम से कम दो-तीन महीने का समय दिया जाए।” उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग मनमाने तरीके से चालान काट रहा है और बसों को सीज कर रहा है।
कई जिलों में असर, कई जगह बसें चलती रहीं
पाली, बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर में बसें पूरी तरह बंद रहीं, जबकि जयपुर में कुछ बसें सिंधी कैंप से खाटूश्यामजी और दिल्ली रूट पर संचालित होती रहीं।
बाड़मेर-जोधपुर रूट पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रोडवेज ने बस सर्विस अंतराल 30 मिनट से घटाकर 20 मिनट कर दिया है।
ऑनलाइन बुकिंग बंद, ट्रेनें फुल
जोधपुर, पाली और जयपुर में प्राइवेट बस कंपनियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग काउंटर बंद कर दिए हैं। यात्रियों को तत्काल टिकट न मिलने पर जनरल बोगियों में सफर करना पड़ा। हड़ताल से विवाह सीजन और धार्मिक आयोजनों पर भी असर पड़ रहा है। यात्रियों का कहना है कि अगर जल्द बस सेवा बहाल नहीं हुई तो अगले कुछ दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
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