24 न्यूज अपडेट, मंदसौर। मध्यप्रदेश के मंदसौर में रविवार दोपहर हुए भीषण हादसे ने पूरे मालवा अंचल को शोक में डुबो दिया। आंतरी माता के दर्शन के लिए निकले श्रद्धालुओं की ईको वैन बाइक से टकराने के बाद कुएं में गिर गई, जिससे 12 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और दो बच्चों समेत चार लोग घायल हो गए। मृतकों में 8 रतलाम जिले के, जबकि 2-2 उज्जैन और मंदसौर जिले के निवासी थे। सोमवार सुबह रतलाम, उज्जैन और मंदसौर में एक साथ अंतिम संस्कार की वेदनापूर्ण तस्वीरें सामने आईं।
रतलाम के खोजनखेड़ा गांव में एक साथ छह अर्थियां उठीं, जबकि पिपलिया और सुरजना गांव से भी एक-एक शवयात्रा निकली। उज्जैन और मंदसौर में भी दो-दो लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। घरों से जब शवयात्राएं निकलीं, तो पूरा वातावरण करुण क्रंदन से भर उठा। मातम के इस दृश्य ने हर आंख को नम कर दिया। इस हृदयविदारक हादसे के बाद रविवार को मंदसौर जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर सभी शवों को उनके गृह ग्राम रवाना कर दिया गया था। खोजनखेड़ा में सभी छह मृतकों की अंतिम यात्रा एक साथ निकली और एक ही श्मशान घाट पर उनका दाह संस्कार किया गया। हादसा नारायणगढ़ थाना क्षेत्र के बूढ़ा-टकरावद फंटे के पास रविवार दोपहर करीब एक बजे हुआ। वैन में सवार करीब 14 लोग उज्जैन जिले के उन्हेल क्षेत्र से नीमच जिले के मनासा क्षेत्र स्थित आंतरी माता मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे थे। रास्ते में वैन की एक बाइक से जोरदार टक्कर हुई और असंतुलित होकर वैन सीधे कुएं में जा गिरी। इस भयावह दुर्घटना में वैन सवार 10 श्रद्धालुओं, एक बाइक सवार और एक ग्रामीण, जो बचाव कार्य के दौरान कुएं में उतरा था, की मृत्यु हो गई।
हादसे के प्रत्यक्षदर्शी घायल देवेंद्र गहलोत ने बताया कि सामने से बाइक आने पर टक्कर हुई और वैन कुएं में समा गई। वह किसी तरह बचावकर्मियों की सहायता से बाहर निकाला गया। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और प्रारंभिक रेस्क्यू शुरू किया। पुलिस, प्रशासन और एसडीईआरएफ की टीम ने तत्परता दिखाते हुए रस्सियों के सहारे कुएं में उतरकर बचाव कार्य चलाया। हादसे की गंभीरता को देखते हुए मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा स्वयं मौके पर पहुंचे और पूरी रात बचाव अभियान की निगरानी करते रहे। कलेक्टर अदिति गर्ग, एसपी अभिषेक आनंद, एडिशनल एसपी गौतम सोलंकी और एसडीओपी नरेंद्र सोलंकी भी घटनास्थल पर मौजूद रहे।
रेस्क्यू के दौरान क्रेन की सहायता से कुएं से वैन को बाहर निकाला गया, जिसमें शव फंसे हुए थे। कई शव कुएं में भी पड़े थे, जिन्हें मोटर से पानी निकालने के बाद बाहर निकाला गया। बताया गया कि कुएं की गहराई लगभग 80 फीट थी और उसमें जहरीली गैस भी मौजूद थी, जिससे दम घुटने का खतरा बढ़ गया था। इसी जहरीली गैस के कारण मनोहर सिंह नामक ग्रामीण, जो चार लोगों को बचाकर लाए थे, खुद भी अपनी जान गंवा बैठे। 42 वर्षीय मनोहर सिंह नारायणगढ़ के दोरवाड़ी गांव के निवासी थे और उनकी वीरता ने सभी को भावविह्वल कर दिया। सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष और मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता कोष से 2-2 लाख) की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गंभीर रूप से घायलों को 1-1 लाख और सामान्य घायलों को 50-50 हजार रुपये देने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने इस हृदयविदारक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। रतलाम, उज्जैन और मंदसौर के इन मासूम श्रद्धालुओं की असमय विदाई ने पूरे प्रदेश को शोकाकुल कर दिया है। श्रद्धा की यात्रा एक पल में शोकयात्रा में बदल गई, जिसने सभी को भीतर तक झकझोर दिया।
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