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40 + नहीं बन सकते वार्ड अध्यक्ष, अहमदाबाद में भाजपा नेताओं ने ’फर्जी जन्म प्रमाण पत्र’ से कम करवाली उम्र

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24 न्यूज अपडेट नेशनल डेस्क। राजकोट के बाद अब अहमदाबाद. में अब फर्जी सबूत देकर भाजपा नेताओं के पद हथियाने का मामला सामने आया है। तालुका और वार्ड के बाद अब महानगर और जिला अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है व इसी दौरान ये मामले सामने आ रहे हैं। बताया गया कि गुजरात मेंं भाजपा संगठन चुनपाव में राज्य स्तर पर निर्णय लिया गया कि वार्ड और तालुका अध्यक्ष बनाने के लिए 40 वर्ष से अधिक उम्र के कार्यकर्ताओं का चयन नहीं किया जाएगा। संगठन में युवाओं को मौका देने के लिए यह फैसला लिया। ऐसे में कुछ चतुर भाजपा नेताओं ने इस मानदंड पर खरा उतरने के लिए नकली जन्म प्रमाण पत्र तैयार करवा लिया। राजकोट के बाद अहमदाबाद के भाजपा नेता ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र पेश करके अपनी उम्र कम कर दी है। ताकि 40 साल से ज्यादा उम्र होनेपर भी उन्हें मौका मिल सके। इसके लिए उसने संबंधित नगर पालिका या पंचायत के अधिकारियों से अपने संपर्क साधे और उनसे मिलीभगत कर खुद के लिए 40 साल से कम उम्र का प्रमाणपत्र जारी करा लिया। हालाँकि, भाजपा के उनके प्रतिद्वंद्वियों ने ऐसे कार्यकर्ताओं के स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज़ जारी कर दिए और पोल खोल दी जिससे वे लोगों में हंसी के पात्र बन गए हैं। राजकोट के एक कार्यकर्ता ने वार्ड अध्यक्ष बनने के लिए अपना दावा पेश करते समय गलत प्रमाण पत्र पेश किया था। अब अहमदाबाद में भी नवनियुक्त वार्ड अध्यक्ष के पास फर्जी सर्टिफिकेट होने का खुलासा हुआ है। शनिवार को कमलम में प्रदेश अध्यक्ष सी. आर पाटिल की उपस्थिति में मार्गदर्शन बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में संगठन के प्रदेश महामंत्री रत्नागर को उम्र संबंधी विवादों पर सफाई देनी पड़ गई। उन्होंने कहा कि उम्र सीमा अभी प्रारंभिक मामला है। यह कोई प्रमुख मानदंड नहीं था लेकिन इसकी केंद्रीयता ने विवाद को जन्म दिया है। उन्होंने मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि अब उम्र के मुद्दे पर व्यवहारिक फैसला लीजिए. यदि कोई उपयुक्त उम्मीदवार मिलता है, तो ऐसे व्यक्ति को चुनें जो उम्र की परवाह किए बिना पार्टी में सक्रिय हो।
शुक्रवार को अहमदाबाद नगर निगम के 40 वार्ड अध्यक्षों की सूची जारी होने के कुछ ही घंटों के भीतर कुबेरनगर वार्ड अध्यक्ष रामप्यारे ठाकुर की हेराफेरी सामने आ गई है। उनके स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट और आधार कार्ड में जन्मतिथि 6 जुलाई 1975 है। इसके विरुद्ध उन्होंने नगर पालिका से प्राप्त प्रमाण पत्र की तिथि 6 जुलाई 1980 कर दी है। इससे पहले राजकोट के वार्ड सदस्य और कार्यकर्ता विपुल माखेला ने फर्जी प्रमाणपत्र पेश कर दावा किया था. हालाँकि मखेला वास्तव में 50 वर्ष के थे। इसके बाद उन्हें पार्टी से निलंबित करने तक की कार्रवाई शुरू कर दी गई। इधर आपराधिक रिकॉर्ड पर भी सवाल उठ रहे हैं। अहमदाबाद के बहरामपुरा वार्ड के निर्वाचित अध्यक्ष भाविक परमार का आपराधिक इतिहास होने का खुलासा हुआ है। भाविक के खिलाफ पहले भी जुआं खेलने के आरोप में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है. इस दौरान पुलिस ने उसके पास से नकदी बरामद की। भाविक कांग्रेस के गिरीश परमार के बेटे हैं। गिरीश परमार बीजेपी की कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं. इसके अलावा अमराईवाडी वार्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष ज्ञानेंद्र मिश्रा की दुकान से शराब जब्त किये जाने की भी शिकायत दर्ज करायी गयी है। उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी लेकिन शिकायत में उनके अधीन काम करने वालों के नाम का उल्लेख किया गया था। अहमदाबाद के वटवा ग्रामीण इलाके के मंडल प्रमुख के खिलाफ भी मारपीट और अन्य अपराध दर्ज किए गए हैं.
टब अयोग्य नेताओं को वार्ड अध्यक्ष का पद मिलने से अहमदाबाद शहर में गुस्सा फूट पड़ा है। आक्रोशित कार्यकर्ता कमलम में सीआर पाटिल की बैठक में अपनी बात रखने पहुंचे लेकिन उन्हें रोक दिया गया। अब इस आग को बुझाने के लिए बीजेपी ने अपने वरिष्ठ नेता और कानूनी विशेषज्ञ परिन्दु भगत को अपीलीय अधिकारी नियुक्त किया है. जिस वार्ड अध्यक्ष का विरोध होगा, उसके खिलाफ साक्ष्य पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर सुनवाई करायी जायेगी.

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