24 न्यूज अपडेट. बांसवाड़ा। डूंगरपुर जिले के बेणेश्वर धाम में होने वाले मेले के निमंत्रण पत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सांसद राजकुमार रोत ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने प्रशासन के नाम से फर्जी निमंत्रण पत्र तैयार किया है। सांसद राजकुमार रोत का कहना है कि हिंदी में जारी निमंत्रण पत्र को भाजपा ने फर्जी तरीके से तैयार किया है, जबकि असली निमंत्रण पत्र अंग्रेजी में था और प्रशासन ने ही उसे जारी किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने इस धार्मिक कार्यक्रम को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की और प्रशासन के नाम का दुरुपयोग किया।
रोत ने सोशल मीडिया पर लिखा, “बीजेपी सांसद मन्नालाल रावत ने बेणेश्वर धाम को राजनीतिक मंच बना दिया और बेणका की छवि धूमिल करने की कोशिश की। साथ ही, बीजेपी नेताओं ने ठ।च् पार्टी के विधायक उमेश डामोर के साथ बदतमीजी भी की।“ इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने प्रशासन के नाम से फर्जी निमंत्रण कार्ड बनाए और इसका उपयोग किया।
मेला का आयोजन और निमंत्रण पत्रः
बेणेश्वर मेले का उद्घाटन 8 फरवरी को हुआ था, लेकिन प्रमुख आयोजनों की शुरुआत 10 फरवरी से 12 फरवरी तक होनी थी। इस दौरान दो प्रकार के निमंत्रण पत्र सामने आए दृ एक हिंदी में और दूसरा अंग्रेजी में। सांसद रोत ने हिंदी में जारी निमंत्रण पत्र को भाजपा की साजिश करार दिया।
सांसद का बयान और कलेक्टर का उत्तरः
सांसद ने कहा कि उद्घाटन के दौरान प्रशासन का कार्ड में कहीं उद्घाटन का उल्लेख नहीं था, जबकि भाजपा ने राजनीतिक उद्देश्य के लिए इसका दुरुपयोग किया। उन्होंने यह भी कहा कि सांसद मन्नालाल रावत ने भाषण में नक्सलवाद और झारखंड जैसे राजनीतिक मुद्दों पर बात की, जो धार्मिक कार्यक्रम के लिए अनुपयुक्त था।
कलेक्टर का बयानः
इस मामले पर जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने जवाब दिया और कहा कि प्रशासन ने सभी जनप्रतिनिधियों को निमंत्रण पत्र भेजा है, जिसमें उनका और टूरिज्म कमिश्नर का नाम था। कलेक्टर ने कहा कि 12 फरवरी से शुरू होने वाले प्रमुख आयोजनों की सूची भी निमंत्रण पत्र में दी गई है।कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए डूंगरपुर जिला परिषद के सीईओ को निर्देश दिए हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके।
भा.ज.पा. नेता की प्रतिक्रियाः
डूंगरपुर भाजपा जिलाध्यक्ष हरीश पाटीदार ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है और उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि मेले में प्रशासन का भी रोल होता है और स्थानीय पंचायत भी कार्यक्रमों का आयोजन करती है। पाटीदार ने कहा कि जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
…..तो फिर कहां से आया हिन्दी वाला फर्जी निमंत्रण पत्र!!! बणेश्वर धाम में निमंत्रण पत्र पर विवादः सांसद राजकुमार रोत के ट्विट से मचा बवाल

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