24 न्यूज अपडेट.जयपुर। अगर आप यह सोचते हैं कि रिश्वत लेने वाले की नौकरी चली जाती होगी तो आप मुगालते में है। क्योंकि इसके लिए विभाग की परमिशन चाहिए और हद तो यह है कि 31 मई 2024 से पहले रिश्वत लेते हुए धरे गए कर्मचारियों व अधिकारियों क खिलाफ अभियोजन की अब तक स्वीकृति नहीं मिली है। ऐसे में यह साफ कहा जा सकता है कि पूरे कुएं में भाग मिली हुई है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को पद के दुरूपयोग के संबंध में 254 परिवाद प्राप्त हुए, जिनमें से 20 परिवादों में संबंधित विभागाध्यक्ष से जाँच की अनुमति प्राप्त हुई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्न का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि 31 मई 2024 तक रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़े गए कुल 182 अधिकारियों व कर्मचारियों की अभियोजन स्वीकृति लंबित है। इससे पहले विधायक शान्ती धारीवाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को 31 मई 2024 तक कुल 10 हजार 128 परिवाद प्राप्त हुए। इन परिवादों में से 254 परिवादों में अनुसंधान हेतु विभागाध्यक्ष से अनुमति मांगी गई है। जिसकी सूची उन्होंने सदन के पटल पर रखी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 254 जाँच योग्य परिवादों के अनुसंधान हेतु विभागाध्यक्ष से अनुमति मांगे जाने पर कुल 20 परिवादों पर अनुमति प्राप्त र्हुई है।
31 मई से पहले रिश्वत लेते पकड़े गए 182 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अब तक नहीं मिली अभियोजना स्वीकृति

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