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272 भूखंड घोटाले में 2 गिरफ्तारियां, बड़ी मछलियों पर हाथ की कोई उम्मीद नहीं, लाभार्थी अब भी बेखौफ घूम रहे

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24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर। यूआईटी से नगर निगम को हस्तांतरित 272 भूखंडों के मामले में एसओजी 2 गिरफ्तारियों की हैंँ। दोनों पर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और डमी कैंडिडेट बनाकर भूखंडों का सौदा कराने का आरोप हैँ। दीपक सिंह चौहान पुत्र हरिसिंह चौहान निवासी पर फर्जी दस्तावेज बनाने का आोप है। एसओजी ने कई साक्ष्य लिए हैं व एफएसएल जांच चल रही है। दूसरा आरोपी राकेश सोलंकी निवासी पंचमहल गुजरात वहांपर पार्षद रह चुका है। कई सालों से उदयपुर की अंबामाता स्कीम में निवास कर रहा था। गुजरात से डमी कैंडिडेट लाता व आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों में हेरफेर कर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर भूखंडों का सौदा कर देता। आपको बता दें कि यूआईटी ने 12 पहले नगर निगम को कई कॉलोनियां हस्तांतरित की थीं। दस्तावेज दिए थे निगम को मगर निगम में मिलीभगत से ये भूखंड लूट लिए गए। निगम ने भूखंडों पर स्वयं की सम्पत्ति के बोर्ड लगाए बताए लेकिन अधिकारियों व नेताओं की मिलीभगत ेसे बंदबांट हो गई। भू माफियाओं, नेताओं व अफसरों की मिलीभगत से कई भूखंडों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर नामांतरण खुलवा लिए गए। कुछ को दलालों ने कई कई बार बेच खाया। भूखंड लूटने वालों को लगा कि यह मामला कभी नहीं खुलेगा मगर कुछ लाभार्थियों की आपसी खटपट से मामला सामने आ गया। व्हीसल ब्लोअर पार्षद अजय पोरवाल ने कच्चा चिटïठा तो खोला मगर कांग्रेस की सरकार में मामले को दबा दिया गया। डबल इजन की भाजपा सरकार में भी काफी मशक्कत के बाद अभी कमजोर प्यादों पर कार्रवाई की गई है। जांच के बाद कुछ भूखंडों के पट्टे निरस्त किए। अप्रैल 2022 में यह मामला एसओजी में गय मगर एसओजी भी राजनीतिक दबाव के आगे नतमस्तक हो गई। केवल जांच कही करती हरी। अब 7 नवंबर को आरोपी दीपक सिंह और 13 नवंबर को आरोपी राकेश सोलंकी को गिरफ्तार किया गया बता रहे हैं। इस मामले को विधायक ताराचंद जैन ने विधानसभा में प्रमुखता से उठाया व कई बार कागज लहराए। तब जाकर दबाव बना। ताराचंद जैन ने विधानसभा में इसे 500 करोड़ का घोटाला बताया। लेकिन एसओजी को उपर से आकाओं का जब तक इशारा नहीं हुआ वह टस से मस नहीं हुई। विभागीय स्तरीय पर 3 कार्मिकों को 16 सीसी नोटिस दिए गए। जबकि अब तक तो सस्पेड होने वालों की लाइन लग जानी चाहिए थी। तत्तकालीन आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ पर गंभीर आरोप हैं जिन्हें डबल इंजन सरकार ने ही आईएएस बना कर ठेंगा दिखा दिया है। बड़ी मछलियां आगे फसेंगी यह उम्मीद कम ही है।

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