Site icon 24 News Update

2 लाख देकर बनी थी ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर, विवाद के बाद छोड़ा पद, बोली-मैं 25 वर्षों से साध्वी हूं, आगे भी रहूंगी

Advertisements

24 न्यूज अपडेट. नेशनल डेस्क। ममता कुलकर्णी को प्रयागराज महाकुंभ में 24 जनवरी 2025 को किन्नर अखाड़ा द्वारा महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई जो अब वापस कर दी है। इस प्रक्रिया के दौरान संगम में स्नान, पिंडदान और पट्टाभिषेक संपन्न कराया गया, जिसके बाद उन्हें नया नाम “श्रीयामाई ममतानंद गिरि“ दिया गया था। पद ग्रहण के बाद योग गुरु बाबा रामदेव, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इसका विरोध किया। इन धार्मिक नेताओं ने कहा कि महामंडलेश्वर बनने के लिए गहरी साधना और योग्यताओं की आवश्यकता होती है, जो ममता कुलकर्णी में नहीं है। ममता पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने दस करोड़ रुपये देकर महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त की। ममता ने दावा किया कि उनसे केवल दो लाख रुपये मांगे गए थे, जो महामंडलेश्वर जय अंबा गिरी ने अपने हाथों से किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को दिए थे। ममता ने यह भी कहा कि उनके पास इतनी राशि नहीं थी और उन्हें गलत तरीके से विवाद में घसीटा गया। उन्होंने कहा कि वह 25 वर्षों से साध्वी हैं और आगे भी साध्वी बनी रहेंगी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट करके पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। ममता के अनुसार, भगवान से संकेत मिलने के बाद उन्होंने इस पद से हटने का निर्णय लिया। ममता ने अपने गुरु स्वामी चैतन्य गगन गिरी महाराज का उल्लेख किया और कहा कि उनकी बराबरी कोई नहीं कर सकता। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता का समर्थन किया और कहा कि वह अखाड़े का हिस्सा थीं, हैं और रहेंगी। किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी और ऋषि अजय दास ने इस नियुक्ति की वैधता पर सवाल उठाए। ऋषि अजय दास ने कहा कि यह कोई बिग बॉस जैसा शो नहीं है, जहां कुंभ के दौरान किसी को पद दे दिया जाए।
बाबा रामदेव ने कहा कि संतत्व एक दिन में नहीं मिलता, इसके लिए गहरी साधना की आवश्यकता होती है। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि बाहरी प्रभाव में आकर किसी को भी महामंडलेश्वर नहीं बनाया जा सकता। ममता ने कहा कि उन्होंने 25 वर्षों तक चंडी की आराधना की है और ब्रह्मांड उनके सामने है, इसलिए उन्हें किसी और स्थान पर जाने की आवश्यकता नहीं है। ममता ने किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर जय अंबा गिरी द्वारा दो लाख रुपये दिए जाने की बात स्वीकारी। उन्होंने इस विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि धर्म के ठेकेदार केवल विरोध कर रहे हैं। ममता ने साफ किया कि वह अपने साध्वी जीवन को जारी रखेंगी।

Exit mobile version