24 news Update जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ ने एक मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है, जिसमें एक व्यक्ति के सील बैंक लॉकर से 15.50 लाख रुपए के पुराने नोट मिलने के बावजूद उन्हें एक्सचेंज (बदलने) से मना कर दिया गया था। मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार शर्मा और न्यायाधीश अनुरूप संघी की डिवीजन बेंच में हुई।
लॉकर कई साल कोर्ट और बैंक की कस्टडी में रहा सील
मामले में बीकानेर के सागर रोड निवासी रणवीर सिंह की ओर से अधिवक्ता विपुल सिंघवी ने पक्ष रखा। याचिकाकर्ता रणवीर सिंह ने बताया कि उनके पिता चंद्रसिंह का निधन हो गया था। पिता के नाम से बीकानेर स्थित एक बैंक में लॉकर था, जो उत्तराधिकार विवाद के कारण कई वर्षों तक सिविल कोर्ट और बैंक की अभिरक्षा (कस्टडी) में सील रहा।
2018 में कोर्ट आदेश पर खोला गया था लॉकर
बीकानेर की सिविल कोर्ट ने 13 जुलाई 2018 को लॉकर खोलने के आदेश दिए थे। इसके बाद 21 अगस्त 2018 को बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में लॉकर खोला गया। लॉकर से निकले नोटों की गिनती कर सूची बनाई गई और फिर लॉकर को दोबारा बंद कर दिया गया। इस दौरान लॉकर से ₹500 के 2,387 नोट और ₹1,000 के 357 नोट बरामद हुए। कुल राशि लगभग ₹15.50 लाख थी।
RBI ने नोट बदलने से किया इंकार
रणवीर सिंह ने जब इन नोटों को RBI में बदलवाने की कोशिश की, तो बैंक ने यह कहकर नोट एक्सचेंज करने से इनकार कर दिया कि नोटबंदी अवधि समाप्त हो चुकी है। इस पर रणवीर सिंह ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि ये नोट उस अवधि में लॉकर सील होने के कारण बदलवाए नहीं जा सके, इसलिए अब इन्हें स्वीकार किया जाए।
हाईकोर्ट ने माना मामला न्यायसंगत
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति अनुरूप संघी की खंडपीठ ने मामले को न्यायसंगत मानते हुए RBI और केंद्र सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने के आदेश दिए हैं। अदालत ने यह भी कहा कि यदि नोट उस समय अभिरक्षा (कस्टडी) में थे और आवेदक के पास उन पर कोई अधिकार नहीं था, तो यह मामला सामान्य परिस्थितियों से भिन्न है और न्यायहित में विचारणीय है।

