– हिंदुस्तान जिंक कीे समाधान पहल से प्रदेश के 30 हजार से अधिक किसान लाभान्वित
उदयपुर। हिन्दुस्ताान जिंक़ की समाधान परियोजना से जुडे किसान पन्ना लाल ने अमरूद की खेती के माध्यम से स्वयं को अर्थिक रूप से मजबूत किया है। मामूली उपज से शुरू कर, प्रशिक्षण सत्रों के दौरान सिखाई गई खेती की तकनीकों के माध्यम से उनकी आय केवल दो बार की फसल में लगभग 60 प्रतिशत तक बढ़ गई। अपनी सफलता से प्रेरित होकर, वह अब अपने समुदाय केअन्य किसानों को भी उन्नत कृषि तकनीक को अपनाने के लिए सलाह देते हैं, जिससे कृषि प्रगति की ओर अग्रसर है। डेयरी फार्मिंग में श्यामूबाई की सफलता समाधान परियोजना की उपलब्धी का एक ओरउदाहरण है। वें हिन्दुस्तान जिंक़ की समाधान पहल के तहत घाटावली माताजी किसान उत्पादक संगठन सदस्य बनीं। पशु चिकित्सा देखभाल, गुणवत्तापूर्ण चारा और गर्भाधान सहायता से उनका डेयरीउत्पादन 5 लीटर से बढक़र 25 लीटर प्रतिदिन हो गया, जिससे उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने में मदद मिली। एफपीओ से जुड कर लाभदायक डेयरी व्यवसाय सेआज श्यामुबाई आत्मनिर्भर हो कर परिवार को सहारा दे रही हैं। उनकी कहानी सामूहिक उद्यम और आधुनिक संसाधनों द्वारा पोषित सशक्तिकरण का प्रमाण है।
हिन्दुस्तान जिंक़ लिमिटेड द्वारा समाधान पहल के माध्यम से, सस्टेनेबल कृषि पद्धति को बढ़ावा और आजीविका में सुधार कर प्रदेश में 30 हजार से अधिक किसानों के जीवन में सकारात्मक रूप सेबदलाव लाया जा रहा है। इसमें 6,900 से अधिक शेयरधारकों के साथ पांच किसान उत्पाद संगठन आई-एफपीओ हैं, जिन्होंने दो लघु उद्यमों डेयरी इकाई – गौयम और मिनरल मिक्सचर इकाई के तहतवित्त वर्ष 24 में लगभग 5 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। समाधान पहल किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, सस्टेनेबल सिंचाई विधियों को अपनाने, मवेशी पालन और बागवानी जैसीलाभदायक पद्धतियों को एकीकृत करने के लिए आवश्यक उपकरण और नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराती है।
अपनी स्थापना के बाद से, समाधान पहल ने उन्नत कृषि पद्धतियों में 5 हजार से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया है। क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से 10 हजार किसानों को लाभान्वित किया है। कृषि उद्यमिता में 4,300 महिलाओं को सहायता प्रदान की है। मई 2022 से सामूहिक प्रयासों के माध्यम से 389 किसान हित समूहों की स्थापना कर 79 लाख रुपये से अधिक का राजस्व उत्पन्न किया।परियोजना का विस्तार करते हुए, डेयरी प्रसंस्करण इकाइयों जैसे लघु उद्यम भी शामिल हैं, जो प्रतिदिन 1200 लीटर तक दूध का प्रसंस्करण करते हैं। इस प्रकार आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देकर ग्रामीणअर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी हैं। कृषकों के लिये समाधान परियोजना के अलावा हिन्दुस्तान जिंक़ द्वारा सीएसआर के तहत् शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महिला सशक्तिकरण, जल और स्वच्छता, कौशल विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार सहित विभिन्न विषयगत क्षेत्रों में योगदान दिया है। शिक्षा संबल, ऊंची उड़ान और नंद घर पहलों के माध्यम से कंपनी ने 3,700 गांवों केलगभग 20 लाख लोगों को लाभान्वित किया है। डिजिटल साक्षरता, छात्रवृत्ति, स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण खेलों पर केंद्रित प्रयासों ने इन समुदायों के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने को और मजबूतकिया है। यह प्रयास परिचालन क्षेत्रों में सतत और समावेशी विकास बनाने के लिए हिंदुस्तान जिंक की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। भारत की शीर्ष 10 सीएसआर कंपनियों में से हिंदुस्तान जिंक आने वालीपीढिय़ों के लिए सस्टेनेबल और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए अभिनव प्रयासों और सहयोगी पहलों के माध्यम से देश के कृषक समुदायों के उत्थान के लिए समर्पित है।
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