Site icon 24 News Update

हाईकोर्ट ने दबा दी बोनस अंकों की नस, अब बिना बोनस जारी करनी होगी मैरिट

Advertisements

24 न्यूज़ अपडेट जयपुर। महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में नियुक्ति को लेकर बोनस अंक के प्रावधान को हाईकोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया है। जस्टिस अनूप कुमार ढूंढ ने सुनवाई के बाद मोहनलाल शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। अब बिन बोनस अंक के मेरिट बनानी होगी। आपको बता दें कि माध्यमिक शिक्षा विभाग ने महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षक, प्रिंसिपल और कार्मिकों की नियुक्ति के लिए 11 जुलाई को विभागीय भर्ती निकाली थी। विज्ञप्ति में मनमानी से विभाग ने बोनस अंक देने का प्रावधान कर दिया था। इसमें बताया गया था कि जो कार्मिक पहले से जिस जिले में कार्यरत हैं वह अगर उसी जिले में नियुक्ति के लिए प्रथम विकल्प के रूप में चुनता है तब उसे लिखित परीक्षा में प्राप्त अंको के अलावा 10 अंक बोनस के दिए जाएंगे। इस फैसले को कार्मिकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। याचिकाकर्ताओं के वकील रामप्रताप सैनी ने कहा कि महात्मा गांधी स्कूलों में नियुक्ति के लिए कार्मिक विभाग ने राजस्थान सिविल सर्विस (स्पेशल सलेक्शन एंड स्पेशल कंडिशन ऑफ सर्विस फॉर अपॉइंटमेंट ऑफ पर्सनल इन द् इंग्लिश मीडियम स्कूल) रूल्स 2013 बनाए थे। नियमों में कहीं भी बोनस अंक देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन विभाग ने भर्ती में बोनस अंक देने की शर्त जोड़ दी। जो कि नियम है। विभाग ने भर्ती को लेकर 25 अगस्त को लिखित परीक्षा आयोजित करवाई थी। जोधपुर हाई कोर्ट ने परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी।अब कोर्ट ने आदेश में कहा कि भर्ती में केवल जिले के आधार पर बोनस अंक देना गलत हैं। यह समानता के अधिकार का उल्लंघन है। विभाग ने रूल्स में भी बोनस अंक का प्रावधान नहीं किया हैं। विज्ञप्ति में शर्त जोड़ देने से बोनस अंक नहीं मिलते। बोनस अंक की शर्त को अवैध करार घोषित किया गया और विभाग को बिना बोनस अंक के आधार पर मैरिट बनाने के आदेश दिए गए।

Exit mobile version