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साहित्य परिषद की निंबाहेड़ा इकाई ने मनाई महर्षि वाल्मीकि जयंती

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कविता पारख

24 न्यूज़ अपडेट निम्बाहेडा। अखिल भारतीय साहित्य परिषद की निंबाहेड़ा इकाई ने महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर गुरुवार शाम विशाल अकादमी माध्यमिक विद्यालय निंबाहेड़ा में महर्षि वाल्मीकि जयंती समारोह का आयोजन किया गया।
गोष्ठी का प्रारंभ श्यामा सोलंकी ने सरस्वती वंदना से किया। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए सामाजिक समरसता पर बल देने की आवश्यकता है। सनातन संस्कृति को एक सूत्र में पिरोए रखने के लिए महर्षि वाल्मीकि ने अपना अमूल्य योगदान दिया। विशिष्ट अतिथि शांतिलाल सुथार ने कहा कि हमें जातियों में बाटने की बजाय एक होकर रहना चाहिए। साहित्यकारों को अपने साहित्य के माध्यम से सामाजिक समरसता का संदेश देना चाहिए। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में मां विषय पर अपनी रचना क्यों मेरी हर परेशानी तुझे मुझसे ज्यादा सताती है का पाठ किया। हर ताकत बोनी हो जाती मां के चरणों में, मां के कदमों में ही होते जन्नत के भी द्वार, शरद पूर्णिमा प्रेम का दिवस है, हनुमान अब तुम ही सहायक हो, षम आने से सिया आने से अवध में प्राण आ रहे हैं, क्यों अपनी किस्मत के खातिर तूं दोष प्रभु को देता है, कभी-कभी सपने भी काया पलट देते हैं, आई पूनम की है रात, आज चांदनी बरस रही, कविता का पाठ किया। कल्याण मंत्र से कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम के पश्चात सभी साहित्यकारों को खीर प्रसाद के रूप में वितरित किया गया।

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