24 न्यूज अपडेट उदयपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट ने दाऊदी बोहरा समुदाय के 53वें अल-दाई अल-मुतलक के रूप में सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन की नियुक्ति को वैध ठहराया था। हाईकोर्ट ने सैफुद्दीन की नियुक्ति को चुनौती देने वाले 2014 के मुकदमे को खारिज कर दिया था। जस्टिस गौतम पटेल की एकल पीठ ने कहा था कि अदालत ने केवल साक्ष्य के आधार पर फैसला किया है, न कि आस्था के मुद्दे पर। आपको बता दें कि सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन का जनवरी 2014 में निधन हो गया था। बुरहानुद्दीन के दूसरे बेटे मुफद्दल सैफुद्दीन के अल-दाई अल-मुतलक पद संभालने पर आपत्ति जताते हुए कुतुबुद्दीन ने अदालत में मुकदमा दायर किया था। इस पर 23 अप्रैल 2024 के निर्णय में बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गौतम पटेल ने मुकदमा खारिज कर दिया और खुजैमा कुतुबुद्दीन और उनके बेटे ताहिर फखरुदीन की ओर से दाऊदी बोहरा समुदाय के क्रमशः 53वें और 54वें दई अल-मुतलक के पद पर किए सभी दावों को अस्वीकार कर दिया था। जस्टिस पटेल ने माना कि यह साबित नहीं किया जा सका कि कुतुबुद्दीन को ’नास’ प्रदान किया गया था। उत्तराधिकार विवाद में लंबे समय से चली आ रही सुनवाई के बाद अदालत ने अप्रैल 2023 में फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब इस मामले में आज अखबार में एक विज्ञापन जारी किया गया जिसके माध्यम से ताहिर फखरूद्दीन के खुद को दाई अल मुतलक के रूप में पेश करने पर आपत्ति की गई है व कहा गया है कि जो कोई उनसे समुदाय का 54वां दाईं की तरह व्यवहार करेगा, वह अपने जोखिम पर करेगा व परिणामों के जोखिम के लिए खुद जिम्मेदार होगा।
यह लिखा गया सार्वजनिक सूचना में
23 अप्रैल 2024 के एक निर्णय द्वारा, माननीय बॉम्बे उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति गौतम पटेल ने मुकदमा खारिज कर दिया और खुजैमा कुतुबुद्दीन और उनके बेटे ताहिर फखरुद्दीन द्वय दाऊदी बोहरा समुदाय के क्रमशः 53वें और 54वें दई अल-मुतलक के पद पर किए गए सभी दावों को अस्वीकार कर दिया।
उक्त निर्णय द्वारा, माननीय न्यायमूर्ति गौतम पटेल ने माना है कि हमारे मुवक्किल को 52वें दाई अल-मुतलक सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन द्वारा चार बार वैध नस (नियुक्ति) प्रदान की गई थी, जिसमें हमारे मुवक्किल को 53वें दाई अल-मुतलक के रूप में नियुक्त किया गया था।
उक्त निर्णय के आधार पर, हमने मुवक्किल परम पावन सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन विश्वव्यापी दाऊदी बोहरा समुदाय के 53वें दाई अल-मुतलक बने हुए हैं और इस तरह वे सभी दाऊदी बोहरा संपत्तियों, ट्रस्टों और वक्फों के एकमात्र ट्रस्टी हैं तथा 52वें दाई अल-मुतलक सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन के वैध उत्तराधिकारी हैं।
यह पाया गया है कि माननीय बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा उनके दावे को खारिज किए जाने के बावजूद ताहिर फखरुद्दीन खुद को झूठा साबित कर रहे हैं और खुद को दाऊदी बोहरा समुदाय के 54वें दाई अल-मुतलक के रूप में पेश कर रहे हैं।
अपने दावे को खारिज किए जाने के बाद, ताहिर फखरुद्दीन के पास खुद को दाऊदी बोहरा समुदाय के 54वें दाई अल-मुतलक के रूप में पेश करने का कोई अधिकार या अधिकार नहीं है। इसके अलावा, ताहिर फखरुदीन को दाई अल-मुतलक के कार्यालय में निहित या दाऊदी बोहरा समुदाय से संबंधित किसी भी संपत्ति, बौद्धिक संपदा, ट्रस्ट, वक्फ आदि पर कोई अधिकार या दावा नहीं है और न ही उनके पास उनसे निपटने का कोई अधिकार या अधिकार है।
ध्यान दें और जनता को सावधान किया जाता है कि वे ताहिर फखरूद्दीन या उनकी ओर से या उनके निर्देशों के तहत काम करने वाले किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ दाऊदी बोहरा समुदाय से संबंधित या 53वें दाई अल-मुतलक के कार्यालय में निहित किसी भी संपत्ति, ट्रस्ट या वक्फ आदि के संबंध में किसी भी तरह का व्यवहार न करें।
इसके अलावा, ध्यान दें कि कोई भी व्यक्ति जो ताहिर फखरुद्दीन के साथ इस धारणा या विश्वास के तहत व्यवहार करता है कि वह दाऊदी बोहरा समुदाय का 54वां दाई है, वह अपने जोखिम पर ऐसा करेगा और वे लागत और परिणामों के जोखिम के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।
दिनांकः 01/06/2024
हस्ता/-
अबीजर ई फैजाल्ला
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