- एक पारितंत्र द्वारा सालों से जनजाति की आस्था व संस्कृति को मिटाने की असफल कोशिश
24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर। आदिवासियों का प्रमुख महाकुंभ और वागड प्रयागराज बेणेश्वर धाम मेले का शनिवार को मुख्यअतिथि उदयपुर सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने ढोल बजाकर शुभारंभ किया। इस मौके पर बडी संख्या जनजाति समुदाय के लोग व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत ने इस अवसर पर उपस्थित जन समूह को बधाई देते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों की बदौलत आज भी हमारी यह विरासत और संस्कृति जिंदा है। उन्होंने कहा कि आज मावजी महाराज का 311वां जन्मदिन भी है और बैणेश्वर मेले का शुभारंभ इस मौके पर होना हमारे लिए प्रसन्नता की बात है। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों में जनजाति की आस्था को मिटाने की कोशिश हुई, लेकिन अनादिक काल से भगवान श्रीराम, महादेव, आदिशक्ति मां कालिका को मानने वाले हम आदिवासी है जिन्होंने हमेशा संस्कृति और देश को पहले स्थान पर रखा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने जनजाति क्षेत्र में भ्रम का वातावरण बनाने का प्रयास किया। चर्च का एजेंडा और झारखंडी विचारधारा को यहां के लोगों पर थोपने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी हिन्दू है, पर विपरीत विचारधारा सबसे पहले एक पादरी वेरियर एल्विन भारत लेकर आया जिनका प्रयास था कि आदिवासी संस्कृति और आस्था का विनाश करना, लेकिन हमारे पूर्वजों ने अपना त्याग करके भी उनके सपने को पूरा नहीं होने दिया। हमें आज भी ऐसे तत्वों के खिलाफ खडा रहना है। सांसद श्री रावत ने कहा कि विरासत के साथ हमें विकास के रास्ते पर चलना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के जनजाति समुदाय के विकास पर समेकित ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि पूर्व की भाजपा सरकारों ने कभी आदिवासी हित में नहीं सोचा।
समारोह की अध्यक्षता साबला प्रधान ललिता देवी डेंडोर ने की। विशिष्ट अथिति के रूप मे पूर्व मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीया, धनसिंह रावत, बांसवाड़ा जिलाध्यक्ष, गोपीचंद मीणा सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। आसपुर के पूर्व विधायक गोपीचंद मीणा ने संत मावजी महाराज के जीवन व मेले को लेकर बताया।

