कविता पारख
24 न्यूज अपडेट, निम्बाहेड़ा/बीकानेर। प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने बताया कि बार-बार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, निदेशक माध्यमिक शिक्षा को ज्ञापन सौंपने एवं वार्ताएँ करने, शिक्षा निदेशालय के समक्ष 54 दिन के अनिश्चितकालीन धरना देने के बावजूद मंत्रालयिक संवर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों के पदस्थापन शत प्रतिशत पद प्रदर्शित करते हुए ऑनलाईन काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से करने के सम्बन्ध में निर्णय लिया जाकर आदेश जारी नहीं किये गये हैं। प्रदेश संस्थापक मदनमोहन व्यास ने बताया कि शैक्षिक संवर्ग के कार्मिकों एवं अधिकारियों के लिए काउंसलिंग के माध्यम से पदौन्नति पर पदस्थापन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। जबकि मंत्रालयिक संवर्ग को इस सुविधा से वंचित रखा जा रहा है. मंत्रालयिक कर्मचारियों के साथ एक ही विभाग में दोहरा मापदण्ड अपनाया जा रहा है। इससे पूरे प्रदेश में भारी आक्रोश उत्पन्न हो गया है।
प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने बताया एकल महिला, विधवा या परित्यक्ता महिला, दिव्यांग, गम्भीर रोग से पीड़ित आदि को भी जिलों से बाहर लगाया जाता रहा है एवं अन्य मंत्रालयिक संवर्ग के अधिकारियों व कार्मिकों को जिला/संभाग में आस-पास पद रिक्त होने के बावजूद काफी दूरी पर लगाना किसी प्रकार से न्यायोचित नहीं है। प्रदेश संरक्षक राजेश व्यास ने बताया कि संघ द्वारा शासन/प्रशासन से पुरजोर मांग की गई है कि मंत्रालयिक संवर्ग के कार्मिकों एवं अधिकारियों को डीपीसी से पदौन्नत होने के बाद पदस्थापन शत प्रतिशत पदों को प्रदर्शित करते हुए शिक्षा निदेशालय सहित राज्य के समस्त कार्यालयों एवं शालाओं में पारदर्शिता एवं विभाग में एकरूपता रखते हुए काउंसलिंग के आदेश तत्काल किया जावे। कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष गिरजाशंकर आचार्य ने बताया कि मांग शीघ्र ही नहीं मानी गई तो आगामी सांगठनिक कदम उठाए जायेंगे। प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने बताया कि धरने पर मदन मोहन व्यास, राजेश व्यास, गिरजा शंकर आचार्य, विष्णु दत्त पुरोहित, बल्वेश चांवरिया, नवरतन जोशी, रामचन्द्र बाल्मीकि (चन्द्र हिन्दुस्तानी), प्रवीण गहलोत, अमरजीत सिंह, जितेन्द्र गहलोत, मनीष कुमार, मानसिंह चौहान, प्रकाश मारू, भैरूरतन छींपा, शशि कांत त्रिपाठी, राजेन्द्र कुमार, कैलाश ओझा, सालिगराम उपाध्याय, एवं जगदीश प्रसाद सुधार आदि शामिल रहे।
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