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शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा साथ-साथ चलानी पड़ेगी, अपनी आत्मरक्षा स्वयं करनी पड़ेगी – आनंद प्रताप सिंह, संघ के द्विधारा पथ संचलन का हुआ आयोजन

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कविता पारख

24 न्यूज़ अपडेट निंबाहेड़ा। नगर में विजयादशमी उत्सव के उपलक्ष में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निंबाहेड़ा द्वारा पथ संचलन निकाला गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह महेश पुरोहित ने बताया कि संचलन के पश्चात कृषि उपज मंडी में बौद्धिक पंडाल में संपत किया, जिसमें कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संघ के प्रांत सह महाविद्यालय विद्यार्थी कार्यप्रमुख आनंद प्रताप सिंह ने नगर संघचालक शांतिलाल लोढ़ा और खंड संघचालक जीतमल के साथ शस्त्र पूजन कर बौद्धिक कार्यक्रम की शुरुआत की। अपने उद्बोधन में आनंद प्रताप सिंह ने बताया कि संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है अभी वर्तमान में संघ छठी पीढ़ी के नेतृत्व में चल रहा है ऐसे में भारत का जो मूल हिंदू समाज हैं उसको सशक्त बनना पड़ेगा, शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा साथ-साथ चलानी पड़ेगी, अपनी आत्मरक्षा स्वयं करनी पड़ेगी और कानूनन इसका अधिकार भी है। साथ ही आनंद प्रताप सिंह ने पंचप्रण को लेकर जिसमें नागरिक शिष्टाचार, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, स्वदेशी और सामाजिक समरसता पर भी अपने विचार रखें। उन्होंने हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश मैं चल रहे वर्तमान परिदृश्य पर विचार रखते हुए बताया कि विद्यार्थियों द्वारा सरकार के विरोध में शुरू किया गया आंदोलन हिंदुओं पर आक्रमण और अत्याचार पर आ खड़ा हुआ है, हम हिंदू होने के नाते क्या हिंदुओं के साथ खड़े हैं क्या उनके समर्थन में अपनी आवाज उठा रहे हैं। भारत में भी डिपस्टेट के द्वारा अराजकता फैला कर बांग्लादेश जैसी स्थिति लाने की कोशिश की जा रही है, पर यहां पर मंसूबे नाकाम हो रहे हैं। वहीं बौद्धिक कार्यक्रम से पूर्व निकाले गए द्विधारा पथ संचलन ने नगर वासियों का मन मोह लिया। कृषि उपज मंडी से शुरू हुआ पथ संचलन शेखावत सर्किल से दो अलग अलग दिशा में आगे बढ़ कर नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए पुन: विजय चौक संगम स्थल पर पहुंच कर दोनो संचलन आपस में समायोजित हो गए। नगर में विभिन्न स्थानों पर समाज जनों और जन प्रतिनिधियों सहित मातृशक्ति ने संचलन पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

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