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लो भाई, पुलिस की गुगली पर एक और पगबाधा…….पुलिस की कहानी- चेन स्नेचर टॉयलेट करने के बहाने उतरा, मुक्का मारकर भागा, रेलवे ट्रेक पर गिरा, पैर में चोट लगी, बड़ा सवाल-पुलिस रास्ते मेंं ही क्यों करवाती है अपराधी को लघुशंका, रास्ते में आने वाली थानों-चौकियां में क्यों नहीं???

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24 न्यूज अपडेट.जयपुर। हमारी राजस्थान की जांबाज पुलिस के चंगुल से बचकर भागने वाले अपराधी आजकल पगबाधा बहुत हो रहे हैं। कभी थाने से दीवार फांदकर जाता अपराधी पांव तुड़वा बैठता है तो कभी पुलिस हिरासत से भागते पांव में गोली लग जाती है। कभी पुलिस मौका तस्दीक को ले जाती है वहां पर भागते हुए पांव तुड़वा बैठते हैं तो कभी लघुशंका के बहाने उतारा अपराधी भागने लगता है व गिरकर पांव चोटिल जो जाता है। इस पगबाधा थ्योरी पर लोगों का उतना ही यकीन है जितना कि जनता में पुलिस का इकबाल बुलंद है। ताजा मामला जयपुर का है। अशोक नगर थाना पुलिस की कस्टडी से अरेस्ट हुए चेन स्नेचर ने भागने की कोशिश की व पगबाधा हो गया। बीच रास्ते में टॉयलेट का बहाना बनाकर बोलेरो से उतरा चेन स्नेचर पुलिसकर्मी पर हमला कर बैठा। पुलिसकर्मियों के पीछा किया, अपराधी रेलवे ट्रैक पर गिरकर घायल हो गया। घायल चेन स्नेचर के पैर में चोट आई व हॉस्पिटल में इलाज करवाया गया। अशोक नगर थाना पुलिस ने आरोपी चेन स्नेचर के खिलाफ पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश करने का मामला दर्ज किया है। पुलिस की कहानी के अनुसार – चेन स्नेचिंग के मामले में आरोपी मोहम्मद अबरार (22) पुत्र मोहम्मद हनीफ निवासी कोतवाली सीकर को अरेस्ट किया गया था। पूछताछ के दौरान आरोपी मोहम्मद अबरार से मिली सूचना पर साथी को पकड़ने के साथ ही लूटी गई चेन बरामदगी करनी थी। मंगलवार शाम करीब 7ः13 बजे हेड कॉन्स्टेबल रत्तिराम, कॉन्स्टेबल अनिल कुमार व सुशील कुमार और कॉन्स्टेबल ड्राइवर सत्यप्रकाश आरोपी मोहम्मद अबरार को बोलेरो में लेकर रवाना हुए। चेन स्नेचर मोहम्मद अबरार के बताए गए इशारे अनुसार चौमूं हाउस सर्किल, सिंधीकैम्प, चांदपोल, शास्त्री नगर पर साथी बदमाश अब्दुल कलाम की संभावित ठिकानों पर तलाश की गई। संभावित ठिकानों पर दबिश देने पर भी साथी बदमाश अब्दुल कलाम नहीं मिला। 22-गोदाम पुलिया के नीचे परिवहन मार्ग पर अब्दुल कलाम के एक ओर ठिकाने पर दबिश देने पुलिस टीम उसे लेकर पहुंची। रात करीब 9ः30 बजे आरोपी मोहम्मद अबरार ने टॉयलेट लगने की पुलिसकर्मियों को बताया। पुलिस टीम ने टॉयलेट करवाने के लिए मोहम्मद अबरार को बोलेरो से नीचे उतारा और यह वाकया हो गया।
पूरी कहानी से यह समझ में आता है कि पुलिस अपराधी को लगतार लेकर घूमती है व उसे टॉयलेट करने का मौका रास्ते में अचानक वाहन को रोक कर देती है। ऐसे में सवाल उठता है कि रास्ते में आने वाले थानों या चौकियों में पुलिस सुरक्षा घेरे में ही अपराधी को टॉयलेट क्यों नहीं करवाया जाता। क्या यह नियम नहीं बन सकता है??? क्योंकि ऐसी कई घटनाएं हाल के वर्षों में हो चुकी है जब अपराधी ने बीच रास्ते इस तरह से भागकर पुलिस वालों की मौजूदगी में खुद की टांग तुड़वाई हो। ऐसा करने से बार-बार पगबाधा होने वाली थ्योरी खारिज हो जाएगी और अनावश्यक भागमभाग से भी बच जाएंगे।

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