24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। आज एक बार फिर पुलिस की गुगली पर दो बदमाश पगबाधा हो गए। इन बदमाशों को अजमेर से लाया जा रहा था। रास्ते में चीरवा टनल के पास लघुशंका के बहाने उतरे, गच्चा देकर भागे, थाने से अतिरिक्त जाब्ता गया और सबने मिलकर पकड़ गया। इस बीच दोनों पगबाधा भी हुए और घायल भी हो गए। पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है। एडिशनल एसपी सिटी उमेश ओझा ने बताया कि उनमें से एक एचएस मोइन है व दूसरा करणसिंह है। इन दोनों को जब थाना पुलिस की टीम अजमेर से लेकर आ रही थी, इन्होंने उदयपुर से थोडा सा पहले टीम को धक्का देकर भाग गए। टीम ने सूचना दी, जाब्ता भेजा, एसएचओ अंबामाता गए। जिस दिशा में गए उनका पीछा किया। इस दौरान जाब्ते व दोनों के चोट आई। इस दौरान कोई फायर नहीं हुआ। अभी दोनों का एमबी चिकित्सालय में इलाज हो रहा है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर लोग कई तथ्यों पर चर्चा कर हैं। ज्वैलर मामले के आरोपी को भागने की कोशिश में गोली लगी थी, उसके बाद एक अन्य बदमाश थाने की दीवार फांद कर भागने लगा और चोटिल हुआ। कुछ और बदमाश भी इसी तरह से पगबाधा हो गए। यह संयोग है या प्रयोग कि हर बाद बदमाश को पांव में ही ज्यादा चोट लगती है और उसका पक्का बंदोबस्त और जनता की भाषा में कहें तो अच्छा ईलाज हो जाता है। इस मामले में भी सवाल उठाया जा रहा है कि पुलिस जब बाहर से किसी अपराधी को लेकर आती है तो उसे लघुशंका का समाधान करवाना भी जरूरी हो जाता है। ऐसे में रास्ते में ही लघुशंका का समाधान करवाने की जगह मार्ग की चौकियांं व थानों में ले जाकर आखिर क्यों शंका समाधान नहीं करवाया जाता। सुनसान रास्ते पर रोक कर शंका समाधान करवाया जाएगा तो घटना की संभावना अधिकतम बढ़ जाती है। इसके अलावा अपराधियों को पकड़ने के लिए जाब्ता अलग से बुलाना पड़ता है। यदि थानों व चौकियों या फिर पुलिस की ओर से रास्ते में तय किए गए सुरक्षित व सुरक्षा वाले लघुशंका समाधान स्थलों पर ही रूकने से भागने की संभावना ही खत्म हो जाएगी। हां, गुगली और पगबाधा के माध्यम से सबक सिखाना है तब नए और इनोवेटिव आइडियाज पर काम करना होगा जैसा कि अभी उत्तर प्रदेश में हो रहा है।
पुलिस की गुगली पर दो और बदमाश हुए पगबाधा, लघुशंका के बहाने भागे थे, बड़ा सवाल-सुनसान रास्तों पर गाड़ी क्यों रोकती है पुलिस, रास्ते में आने वाले थानों-चौंकियों पर क्यों नहीं करवाया जाता ‘शंका-समाधान’

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