Site icon 24 News Update

राजस्थान की किताबों से हट गया गोधरा कांड वाला चैप्टर, 4 किताबें वापस मंगवाई, शिक्षा मंत्री ने कहा- कांग्रेस ने किया हत्यारों का महिमा-मंडन

Advertisements

24 न्यूज अपडेट. जयपुर। राजस्थान सरकार ने गोधरा कांड का जिक्र करने वाली किताबों को वापस मंगवा लिया है। अब बच्चे इनको नहीं पढ़ पाएंगे। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इसके साथ ही यह भी कहा है कि पूर्व कांग्रेसी सरकार के वक्त स्कूली बच्चों की किताबों में हत्यारों का महिमा-मंडन किया गय। इस तरह की विवादित किताबों को फिर से मंगाया जाएगा ताकि बच्चे गलत शिक्षा हासिल ना करें। ये सारी किताबें राजस्थान सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वितरित कर दी है। अब चार किताबों को वापस मंगवाने के आदेश जारी किए हैं। बताया जा रहा है कि ’अदृश्य लोग- उम्मीद और साहस की कहानी’ में ’9 लंबे साल’ नामक अध्याय में गोधरा कांड में ट्रेन में लगी आग को आतंकी साजिश बताया गया है। अब डबल इंजन की सरकार इस अंकित कर दिए गए तथ्य को बच्चों की स्मृतियों में नहीं जाने देना चाहती है। एक आदेश जारी किया गया है जिसमें राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने जिला शिक्षा अधिकारियों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक पढ़ाई जा रही ’जीवन की बहार’, ’चिट्टी एक कुत्ता और उसका जंगल फॉर्म’ और कक्षा 11वीं, 12वीं में पढ़ाई जा रही ’अदृश्य लोग-उम्मीद और साहस की कहानी’ और ’जीवन की बहार’ की सभी कॉपियों को वापस भेजने को कहा है। इसके पीछे तकनीकी कारण बताया गया है। वास्तव में यह पॉलिटिकल तकनीक है जिसके माध्यम से वैचारिक मोर्चा खोला जाना है। अब मीडिया के समक्ष शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि जिन पुस्तकों को वापस मंगवाया गया है। उसका चयन गोविंद सिंह डोटासरा ने किया था। मगर वे यह नहीं बता सके कि डोटासरा ने किस अधिकार से चयन किया था। मंत्रीजीने कहा कि – जब इन किताबों को पढ़ा गया तो पता चला कि गोधरा में जो हुआ था, उसकी नकारात्मक जानकारी दी गई। किताबों में अपराधी को अच्छा बताया गया है। किताबों में गोधरा कांड के हत्यारों के महिमा मंडन का प्रयास किया गया है, जो सही नहीं है। जिस किताब में जिक्र पर आपत्ति है वह छत्तीसगढ़ कैडर के पूर्व आईएएस हर्ष मंदर की लिखी है। गुजरात दंगों के बाद उन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़कर एनजीओ में काम करना शुरू किया था। पिछले साल गृह मंत्रालय ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। विदेशों से चंदा लेने के मामले में कानून का उल्लंघन करने का आरोप था।

Exit mobile version