24 न्यूज अपडेट. बांसवाड़ा। बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट से सांसद राजकुमार रोत दो दिवसीय दौर पर बाड़मेर और बालोतरा में है। कल रामसर में विश्व आदिवासी अधिकार कार्यक्रम में शामिल हुए रविवार रात मीडिया से बातचीत में रोत ने कहा कि हम ट्राइबल की बात करते हैं तो भाजपा को खलबली और मिर्ची लग जाती है। बीजेपी की हां में हां नहीं मिलाया तो इसलिए मैं देश विरोधी हो गया। मैं हिंदू नहीं हूं लेकिन मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। आज वे बालोतरा और समदड़ी में प्रोग्रामों में शामिल होंगे। सांसद राज कुमार रोत ने कहा कि जल, जंगल और जमीन को लेकर लोग बैठे हुए है खातेदारी जमीन नहीं है। संवैधानिक प्रावधान जो मिलना चाहिए वो आज भी धरातल पर लागू नहीं है। जहां वो एससी, एसटी या ओबीसी किसी वर्ग का हो धरातल पर नहीं मिल रहा है। देशव्यापी मांग है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए, हमारे संविधान में जनगणना का प्रावधान है। 10 सालों से जनगणना हो रही है लेकिन भाजपा सरकार में आने के बाद जनगणना नहीं करवा रही है। अब जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सरकार को मजबूर जातिगत जनगणना करवानी पड़ेगी। भाजपा के प्रदेशप्रभारी के देश विरोधी वाले बयान पर रोत ने कहा कि मुझे विरोधियों पर तरस आता है। राजस्थान में भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहनदास अग्रवाल आए है। उन्होंने आदिवासी इलाके में भ्रमण किया। देखा और महसूस किया आजादी के बाद आदिवासी इलाके में मूलभूत सुविधाओं को लेकर काम नहीं हुआ है। रिजर्वेशन को लेकर भी काम नहीं हुआ है। प्रभारी ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद किसी भी नेता ने कोई काम नहीं करवाया है वो राजकुमार कर रहा है। वो अच्छा काम कर रहा है। प्रभारी यह कह रहे हैं। हर इलाके में प्रोग्राम होने के बावजूद हमारे दूषित भाजपा के लोग हैं उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को दूषित किया। प्रदेशाध्यक्ष ने दौरा किया, अगर दो सीटों पर उपचुनाव नहीं होते तो वो भ्रमण नहीं करते और उनके हाल क्या है वो नहीं जानते थे। चुनाव होने के बावजूद कह रहे है कि राजकुमार रोत देश विरोधी है। राजकुमार ने कहा किएक ही ट्रेड चला हुआ है जो भाजपा विरोधी है उनको वो धर्म विरोधी और देश विरोधी लगता है।एजेंडा चला रखा है। जिसने भाजपा के खिलाफ बोला वो देशद्रोही हो गया। हालांकि मैं किसी के खिलाफ नहीं बोलता हूं। भाजपा की हां में हां नहीं मिलाया वो भी देश विरोधी लगता है। उनके बयानों से कोई फर्क नहीं पड़ता है, जनता सब समझ रही है। उल्टा भाजपा का नुकसान हो रहा है। आदिवासी इलाके में आकर आदिवासी लीडर के खिलाफ इस तरीके से बयान बाजी करोंगे तो आदिवासी समाज समझदार हो गया है पहले जैसा नहीं रहा हे। वक्त आने पर जरूर जवाब देगा। हिंदू नहीं हूं इस सवाल के जवाब में रोत ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के आधार पर देखा जाए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट आए है। तीन बिंदुओं के आधार पर देखते है तो आदिवासी समुदाय किसी धर्म समुदाय में नहीं आता है। संविधान में भी प्रावधान कर रखा है कि हर व्यक्ति अपने हिसाब से धर्म अपनाने या नहीं अपनाने का अधिकार है। इसका पहला उदाहरण आप देख सकते हो, भीमराव अंबेडकर जी ने जिन्होंने देश का संविधान बनाया, 1950 में संविधान लागू हुआ और 1952-53 में महाराष्ट्र में चार लाख लोगों के साथ अंबेडकर जी ने बौद्ध धर्म अपनाया था। क्योंकि संविधान में प्रावधान है और स्वतंत्रता है। मैं यह कहता हूं कि मैं हिंदू नहीं हूं मैं इसाई नहीं हूं मैं किसी धर्म में नहीं हूं। आदिवासी खुद की पर्सनल आईडिटी है। कोई व्यक्ति किसी धर्म को माने चाहे बौद्ध, ईसाई, जैन को माने उस पर नहीं जाना चाह रहे है। मेरी आईडोलॉजी कहती है कि हम किसी धर्म व्यवस्था में नहीं आते है। यह संविधान हमको आजादी देता है। एतिहासिक पृष्ठभूमि है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई जजमेंट है। अब भाजपा को तो लगता है कि मैं हिंदू नहीं हूं इसका मतलब हिंदू धर्म का विरोधी हूं। जैन धर्म ने अलग से धर्म की डिमांड की। जैन कट्टर हिंदू को फॉलो करता है लेकिन उनका धर्म जैन अलग है। जैन धर्म की जनगणना होती है। तो ट्राइबल बात करता है तो क्यूं खलबली और मिर्ची लगती है भाजपा को। भाजपा ने देश में धर्म के नाम पर एक एजेंडा चला रखा है। उनको यहीं दिक्कत है यह लोग धर्म से बाहर निकल जाएंगे। तो मानसिक गुलामी से बाहर निकल जाएंगे तो हमारे हिसाब से वोटबैक में कनवर्ट नहीं होगा। यह उनको डर है। हम किसी धर्म के विरोधी नहीं है। हम सब धर्म का सम्मान करते है। यह वास्तविकता है कि आदिवासी धर्म पूर्वी व्यवस्था से जुड़ा हुआ है।
डीएनए जांच के सवाल पर राजकुमार रोत ने कहा कि यह बीजेपी की बौखलाहट है। बीजेपी के अंदर जो मंत्री बने हुए है चाहे वो एससी-एसटी का हो, उनको एक पर्ची पकड़ाई जाती है उसके आधार पर बोलने के लिए कहा जाता है। वो यह भूल जाते है कि हम क्षेत्र का कम्यूनिटी का प्रतिनिधित्व करने आए है। भाजपा के जितने भी मंत्री है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, हमारे टीएडी मंत्री बाबूलाल जी को देख लो। वो डिपार्टमेंट के मंत्री नहीं है वो भाजपा के प्रचार मंत्री बनकर काम कर रहे है। डिपार्टमेंट में क्या हो रहा है उनको नहीं पता है। एक डिपार्टमेंट के मंत्री की जिम्मेदारी होती है कि स्कीम को धरातल पर लागू किया जाए। जिस इलाके या लोगों के लिए डिपार्टमेंट बना है। लेकिन वो भाजपा के प्रचारक मंत्री बनकर काम कर रहे है। भ्रष्टाचार की चरम सीमा पर पहुंच चुका है।
राजकुमार रोत बोले, हम ट्राइबल की बात करते है तो बीजेपी को मिर्ची लग जाती है, मंत्री भाजपा प्रचारक बनकर कर रहे हैं काम, मैं हिंदू नहीं हूं लेकिन मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं

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