24 न्यूज अपडेट. बांसवाड़ा। छोटी सरवन में न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर स्थानीय लोगों और पुलिस प्रशासन के बीच झड़प के बाद असंतोष उपजा था जिसे आज सांसद राजकुमार रोत ने समर्थन दिया व कहा कि न्यूक्लियर प्लांट विनाशकारी परियोजना है। मंगलवार को बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने संसद में इस पर अपनी बात रखी। रोत बोले कि अभी बारिश का मौसम है। रोज बारिश होती है। जिस जगह पर न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाया जा रहा है। वहां लोग रह रहे हैं, खेती कर रहे हैं। ऐसे में लोग कहां जाएंगे। इस स्थिति में भी कुछ दिन पहले ऊर्जा संयंत्र के कार्मिकों और प्रशासन द्वारा उनको हटाने का काम किया है। लोगों ने विरोध किया तो करीब 40 लोगों को गिरफ्तार कर रखा है। इसमें अधिकतर महिलाएं हैं। प्रशासन और एनपीसीआईएल के कार्मिकों द्वारा तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है। रोत बोले- मैं यह बताना चाहता हूं कि यह परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना उस क्षेत्र के लिए आनेवाले समय में विनाशकारी परियोजना होगी। जापान में 2011 में भूकंप आया तबाही मची। जहां परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगा हुआ था। सोवियत संघ में 26 अप्रैल 1986 में हल्का सा भूकंप आया और वहां लगे परमाणु ऊर्जा संयंत्र को दिक्कत हुई और 40 लोग मारे गए। इस परियोजना में माही बांध से पानी लिया जाएगा और दूषित पानी वहां छोड़ा जाएगा। जिससे वहां खेती और पीने के लिए छोड़ा गया मिलेगा। उससे उन लोगों की सेहत से खिलवाड़ होगा। बीमारियां होंगी। एक रिपोर्ट के अनुसार अगर यह प्लांट लगता है तो आसपास के क्षेत्र में 3 डिग्री तापमान बढ़ेगा। रोत ने परियोजना को रोकने की मांग की। वहां के लोगों को विस्थापित नहीं किया जाए। पहले भी प्लांट को लेकर घटनाएं हुई है तो आने वाले समय में भी विनाशकारी साबित हो सकता है।
आपको बता दें कि बांसवाड़ा में बन रहे माही न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर गत शुक्रवार को स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई व स्थित तनातनी की हो गई। पुलिस के 3 जवान और कुछ ग्रामीण घायल हो गए। जमीन खाली कराने गई पुलिस पर लोगों ने पथराव कर दिया। जवाब में पुलिस ने भी हाईवे जाम कर रही महिलाओं को खदेड़ा और आंसू गैस के गोले तक छोड़े। भारत आदिवासी पार्टी के एक नेता समेत 12 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पावर प्लांट के लिए जमीन खाली करा ली गई है। अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करने आ रहे हैं। बांसवाड़ा के छोटी सरवन में 2800 मेगावाट का न्यूक्लियर पावर प्लांट लगना है। इस जमीन पर बाउंड्री वॉल बनाई जा रही हैं ऐसे में यहां पर रह रहे लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। जनता के विरोध को देखते हुए न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने पुलिस से मदद मांगी थी। बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ जिलों की पुलिस को बुला लिया गया था। जब जमीन खाली कराने की बात सामने आई तो बांसवाड़ा-डूंगरपुर और प्रतापगढ़ तीन थानों का पुलिस जाब्ता सामने था व ग्रामीण अचानक पत्थर बरसाने लगे। पहाड़ों से पथराव करना शुरू कर दिया। हादसे में एक जवान का सिर फूटा है।
सांसद रोत ने कहा- न्यूक्लियर प्लांट विनाशकारी परियोजना, एनपीसीआईएल और प्रशासन तानाशाही कर रहे, महिलाओं को जेल में डाला

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